ITR Filing Tips: आयकर विभाग (Income tax department) टैक्स के दायरे में आने वाले ऐसे लोगों को नोटिस भेजता है जो टैक्स (Income Tax) नहीं भरते. वहीं कुछ लोगों को आयकर विभाग का नोटिस (Income Tax Notice) इसलिए मिल जाता है क्योंकि वह आईटीआर (ITR) फाइल करते वक्त कुछ गलतियां कर देते हैं.
आईटीआर फाइल करते समय हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए. आज हम आपको बता रहे हैं आईटीआर (ITR) फाइल करने से जुड़ी 5 ऐसी गलतियां जिनकी वजह से आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है.
आईटीआर समय से फाइल नहीं करना
इनकम टैक्स रिटर्न अगर समय से फाइल नहीं की तो आयकर विभाग का नोटिस मिलना तय है. कभी आखिरी तारीख का इंतजार नहीं करना चाहिए. आखिरी तारीख में बहुत से लोग आईटीआर भरते हैं जिसकी वजह से वेबसाइट में दिक्कत आ सकती है और आप आईटीआर भरने से चूक सकते हैं.
आईटीआर फॉर्म
- आईटीआर फाइल करते वक्त सही फॉर्म का चुनाव करना बहुत जरूरी है. अगर गलत आईटीआर फॉर्म भर दिया तो भी आयकर विभाग की तरफ से नोटिस आ सकता है.
- यह ध्यान रखें कि आय के स्रोत और अन्य कई वजहों के आधार पर ये तय किया जाता है कि कौन सा फॉर्म भरना है.
सॉर्स ऑफ इनकम
- जानबूझकर या गलती से अगर आपने अपना सॉर्स ऑफ इनकम (source of income) नहीं बताया है तो आपको आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है.
- आपको यह पता होना चाहिए आपकी कमाई कौन-कौन से स्रोत से हो रही है.
- अगर किसी जानकारी का सही मिलान नहीं होता है तो स्क्रूटनी हो सकती है.
ITR का ई-वेरिफिकेशन
- आईटीआर का ई-वेरिफिकेशन करवाना न भूलें.
- आयकर फाइल करने के बाद ई-वेरिफिकेशन के लिए 120 दिनों का वक्त दिया जाता है. लेकिन आप जल्द से जल्द ई-वेरिफिकेशन करवा लें.
- अगर आप ई-वेरिफिकेशन नहीं करवा पाए तो आपका आईटीआर प्रोसेस नहीं हो पाता और आपको आयकर विभाग का नोटिस आ जाता है.
इनकम और TDS में अलग-अलग जानकारी
- आपकी तमाम आय स्रोतों पर कितना टैक्स लगा है यह फॉर्म 26एएस के जरिए पता चलता है. ये जानकारी आपके पैन के आधार पर मिलती है.
- आपको अपने फॉर्म 16 और फॉर्म 26एएस की तुलना करनी होती है.
- अगर तुलना करने पर मिलान ना हुआ तो आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है.
- आईटीआर फाइल करने से पहले दोनों का मिलान कर लें और अगर कुछ कमी मिलती है तो चेक करें कि वह क्यों है और उसे सही कर के आईटीआर फाइल करें.
यह भी पढ़ें: