Income Tax: टैक्सपेयर्स ध्यान दें, इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के लिए आपको कौन सा फॉर्म लगेगा-जानें
Income Tax Return Form: नए वित्त वर्ष के शुरू होते ही आपके लिए नए असेसमेंट ईयर के इनकम टैक्स रिटर्न भरने की समयसीमा भी शुरू हो जाएगी. जानें इस बार आपको किस फॉर्म के जरिए आईटीआर फाइल करना है.
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Income Tax Return Form: नए असेसमेंट ईयर यानी 2023-24 की शुरुआत 1 अप्रैल से होने जा रही है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने टैक्सपेयर्स के लिए नए आईटीआर फॉर्म्स को एक महीने पहले ही जारी कर दिया था. यहां हम आपको बता रहे हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए आपके पास क्या-क्या विकल्प हैं और आपके लिए कौनसा आईटीआर फॉर्म सही है. आपको वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आयकर फॉर्म के बारे में जानकारी होगी तो आप आसानी से इनकम टैक्स रिटर्न भर पाएंगे.
यहां हम आपको आईटीआर फॉर्म के बारे में जानकारी दे रहे हैं-
ITR-1
ITR-1 फॉर्म उन भारतीय नागरिक के लिए हैं जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपये तक है. यह आमदनी सैलरी, फैमिली पेंशन, एक रेसीडेंशियल प्रॉपर्टी वगैरह से होनी चाहिए. खेती से 5000 रुपये तक की आय होने पर भी आईटीआर-1 फॉर्म भरना होता है. हालांकि अगर आप किसी कंपनी में डायरेक्टर है या किसी अनलिस्टेड कंपनी में आपके शेयर हैं, तो आप यह फॉर्म नहीं भर सकते हैं. वहीं लॉटरी या रेस कोर्स से हुई आय भी इस कैटेगरी में नहीं आती है.
ITR-2
जिनकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपये से ज्यादा है और वे किसी बिजनेस से प्रॉफिट नहीं कमा रहे हैं, आईटीआर-2 फॉर्म ऐसे लोगों और अविभाजित हिंदू परिवारों के लिए है. इसमें एक से ज्यादा रेसीडेंशियल प्रॉपर्टी, इन्वेस्टमेंट पर हुए कैपिटल गेन या लॉस, 10 लाख रुपये से ज्यादा की डिविडेंड इनकम और खेती से हुई 5000 रुपये से ज्यादा की कमाई की जानकारी देनी होती है. अगर प्रॉविडेंट फंड से ब्याज के तौर पर कमाई हो रही है, तब भी यही फॉर्म भरना पड़ता है.
ITR-3
वे लोग और अविभाजित हिंदू परिवार जिन्हें किसी बिजनेस के प्रॉफिट से कमाई हो रही है, यह फॉर्म उनके लिए ही है. इसमें आईटीआर-1 और आईटीआर-2 में दी जाने वाली सभी इनकम कैटगरी की जानकारी देनी होती है. अगर कोई व्यक्ति फर्म में पार्टनर है तो उसे अलग से आईटीआर फॉर्म भरना पड़ता है. शेयर या प्रॉपर्टी की बिक्री से कैपिटल गेन होने अथवा ब्याज या डिविडेंड से इनकम होने पर भी यही फॉर्म भरना होता है.
ITR-4
ITR-4 यानी सुगम फॉर्म वैसे लोगों, अविभाजित हिंदू परिवारों और एलएलपी को छोड़ बाकी कंपनियों के लिए है, जिनकी टोटल इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है और उन्हें ऐसे सोर्सेज से कमाई हो रही है जो 44एडी, 44एडीए या 44एई जैसे सेक्शंस के दायरे में आते हैं. यह फॉर्म वैसे लोगों के लिए नहीं है, जो किसी कंपनी में डाइरेक्टर हैं या इक्विटी शेयरों में उनका निवेश है अथवा खेती से 5000 रुपये से ज्यादा की कमाई है.
ITR-5
इनकम टैक्स रिटर्न भरने का यह फॉर्म एलएलपी कंपनियों, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स, बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स, आर्टिफिशियल ज्यूरीडिकल पर्सन, को-ऑपरेटिव सोसाइटी और लोकल अथॉरिटी के लिए है.
ITR-6
यह फॉर्म उन कंपनियों के लिए है, जिन्होंने सेक्शन 11 के तहत छूट का दावा नहीं किया हो. सेक्शन 11 के तहत वैसी आय पर टैक्स से छूट मिलती है, जो किसी परमार्थ या धर्मार्थ कार्य के लिए ट्रस्ट के पास रखी संपत्ति से हो रही हो.
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