आम बजट में निर्मला सीतारमण ने किया ऐलान, 7 बंदरगाह परियोजनाओं पर खर्च होंगे 2000 करोड़ रुपये
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीपीपी मोड के जरिए 2000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है. भारत में अभी 12 प्रमुख बंदरगाह हैं जो केंद्र सरकार के नियंत्रण में हैं.
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने आज बजट में 2000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं की घोषणा की. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि ये परियोजनाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत अमल में लाई जाएंगी.
सीतारमण ने लोकसभा में पहला पेपरलैस आम बजट पेश करते हुए कहा कि उन्होंने पीपीपी मोड के जरिए 2000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से सात बंदरगाह परियोजनाओं का प्रस्ताव किया है. भारत में अभी 12 प्रमुख बंदरगाह हैं जो केंद्र सरकार के नियंत्रण में हैं. इनमें दीनदयाल (पूर्ववर्ती कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, न्यू मेंगलूर, कोच्चि, चेन्नई, पारादीप, कोलकाता (हल्दिया सहित) शामिल हैं.
स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट बढ़कर 2.38 लाख करोड़ हुआ इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमनें 100 या उससे भी अधिक देश के लोगों को कोविड के विरूद्ध सुरक्षा मुहैया कराई, पीएम ने वैज्ञानिकों को श्रेय देते हुए इस टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया. इतिहास में यह पल एक नए युग के अवतरण की शुरूआत है, भारत सही मायनों में संभावनाओं और उम्मीदों की धरती बनने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने 4.21 लाख करोड़ रुपए खर्च किए. इस वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने 4.39 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है. इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ कर दिया गया है.
6 पिलर्स पर टिका है बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान कहा कि 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है. पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा-भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा-अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना,पांचवा-नवाचार और अनुसंधान और विकास, छठा स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन. सरकार ने सबसे संवेदनशील वर्गों को सहारा देने के लिए, पीएमजीकेवाई, तीन आत्मनिर्भर पैकेज और बाद में की गईं घोषणाएं अपने आप में पांच मिनी बजट के समान थीं. आत्मनिर्भर पैकेजों ने ढांचागत सुधारों की हमारी गति को बढ़ाया.
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