Green Bonds: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड फ्रेमवर्क को दी मंजूरी, बॉन्ड जारी कर ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए जुटाया जाएगा धन
India Green Bonds: 2022-23 वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए धन जुटाने की बात कही थी.
India Sovereign Green Bonds Framework: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के पहले सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड फ्रेमवर्क (Sovereign Green Bonds Framework) को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के साथ ही पेरिस समझौते के लक्ष्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा जिससे ग्रीन प्रोजेक्ट्स में वैश्विक और घरेलू निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर जुटाये जाने वाले रकम को सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में लगाया जाएगा जो अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता (Carbon Intensity) को कम करने में मदद करेंगी.
माना जा रहा है कि सरकार ग्रीन बॉन्ड के जरिए 16,000 करोड़ रुपये जुटा सकती है. और इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ग्रीन बॉन्ड जारी किया जा सकता है. ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए ये बॉन्ड लंबी अवधि वाले होंगे.
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, यह फ्रेमवर्क, 2021 में ग्लासगो में COP26 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के विजन "पंचामृत" के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरुप है. 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए रिसोर्सेज जुटाने की बात कही थी.
Union Finance Minister Smt. @nsitharaman approves India’s First Sovereign Green Bonds Framework
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) November 9, 2022
👉 The Sovereign Green Bonds Framework has been formulated for green issuances
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सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड ऐसे फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट्स है जो पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और जलवायु-उपयुक्त परियोजनाओं में निवेश के लिए धन जुटाते हैं. सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड नियमित बॉन्ड की तुलना में पूंजी की अपेक्षाकृत लागत को कम करती है.
इसी को ध्यान में रखते हुए भारत का पहला सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड ढांचा तैयार किया गया है और ढांचे के प्रावधानों के अनुसार, सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने पर महत्वपूर्ण निर्णयों को मान्य करने के लिए ग्रीन फाइनेंस वर्किंग कमेटी (GFWC) का गठन किया गया था. नॉर्वे की सिसरो को भारत के ग्रीन बॉन्ड ढांचे का मूल्यांकन करने के लिए सेलेक्ट किया गया. सिसरो ने गुड स्कोर के साथ भारत के ग्रीन बॉन्ड फ्रेमवर्क को 'मीडियम ग्रीन' का दर्जा दिया है.
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