Budget 2023-24: प्री-बजट मीटिंग की कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक की है. जिसमें राज्यों की तरफ से बजट में अपनी मांगों की फेहरिस्त सौंपी गई है. राज्यों के वित्त मंत्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने बढ़ती महंगाई पर चिंता जताते हुए आम लोगों को इससे राहत दिलाने की मांग की है. राज्यों ने वित्त मंत्री से केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा बढ़ाने की मांग की है. 


21 नवंबर, 2022 से वित्त मंत्री लगातार प्री बजट बैठक कर रही हैं. उद्योगजगत, कृषि जगत सर्विस ट्रेड और फाइनैंशियल सेक्टर के जानकारों के साथ बैठक पहले ही कर चुकी है. 28 नवंबर को ट्रेड यूनियनों और अर्थशास्त्रियों के साथ आखिरी दौर की बैठक होगी. 






इससे पहले केंद्र सरकार ने अप्रैल से जून 2022 तक के लिए 17,000 करोड़ रुपये जीएसटी राज्यों को जीएसटी मुआवजा के तौर जारी कर दिया है. 2022-23 के लिए 1,15,652 करोड़ रुपये जारी किया जा चुका है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक अक्टूबर 2022 तक 72,147 करोड़ रुपये ही सेस के जरिए कलेक्शन हो पाया है जबकि 43515 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने अफनी तरफ से जारी किया है. इसी के साथ केंद्र सेस के मद राज्यों को दिए जाने वाला पूरा रकम जारी कर दिया है. 


वित्त मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस रिलिज के मुताबिक बैठक में भाग लेने वाले राज्यों के वित्त मंत्रियों ने राज्यों की उधार लेने की लिमिट को बढ़ाने और कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए दो एडवांस डिवॉल्यूशन के किस्तें  जारी करने को लेकर वित्त मंत्री का धन्यवाद किया है. वित्त मंत्री ने राज्यों की मांग पर विचार करने का भरोसा दिया है. 


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