वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने IMF की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ से मुलाकात की, इन मुद्दों पर की चर्चा
Finance Minister US Visit: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाशिंगटन में आईएमएफ-विश्व बैंक बसंत बैठक 2022 के मौके पर आईएमएफ) की प्रथम उप प्रबंध निदेशक (डीएमडी) गीता गोपीनाथ से मुलाकात की.
Finance Minister US Visit: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रथम उप प्रबंध निदेशक (डीएमडी) गीता गोपीनाथ से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने भारत की जी20 की अध्यक्षता सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, "बैठक वाशिंगटन में आईएमएफ-विश्व बैंक बसंत बैठक 2022 के मौके पर हुई." बता दें कि भारत एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता करेगा.
वित्त मंत्री ने की जी 20 देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के साथ बैठक
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जी 20 देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की गति में आयी सुस्ती से निपटने के लिये विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं को मिलकर प्रयास करना चाहिये. केंद्रीय वित्त मंत्री ने बैठक में कहा कि लंबे समय तक मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर बने रहने, आपूर्ति बाधा, ऊर्जा बाजार में उतार-चढ़ाव, और निवेशकों की अनिश्चितता के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के बढ़ने की रफ्तार धीमी हुई है.
सोमवार को वॉशिंगटन पहुंची थीं वित्त मंत्री
वित्त मंत्री विश्व बैंक समूह के स्प्रिंग बैठक में शामिल होने के लिये सोमवार को वाशिंगटन पहुंची थीं. मंगलवार को उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की अध्यक्ष क्रिस्टलीना जॉर्जीवा से मुलाकात की थी और बुधवार को वह इस बैठक में शामिल हुईं. इंडोनेशिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक का एजेंडा आर्थिक परिद्श्य और जोखिम, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना और वैश्विक स्थिति था. निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोइक्रोइकोनॉमिक्स से संबंधित परिणामों से निपटने के लिये अंतर्राष्ट्रीय नीति समन्वय को बढ़ाने हेतु जी-20 पूरी तरह तैयार है. उन्होंने साथ ही अर्थव्यवस्थाओं को बचाने के लिये सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया.
IMF का वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए अनुमान
उल्लेखनीय है कि यह बैठक उस समय हो रही है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है. वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले से कोविड-19 संक्रमण के प्रभावों से जूझ रही थी और ऐसे में यूक्रेन पर रूस के हमले ने रही सही कसर भी मिटा दी. आईएमएफ के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2021 की अनुमानित वृद्धि दर 6.1 से लुढ़ककर वित्त वर्ष 2022 और 2023 में 3.6 फीसदी हो जायेगी. यह जनवरी में अनुमानित विकास दर से 0.8 फीसदी और 0.2 फीसदी कम है.
भारत की जीडीपी 8.2 फीसदी की दर से बढ़ेगी- आईएमएफ
वर्ष 2023 के बाद मध्यम अवधि में वैश्विक अर्थव्यवस्था के करीब 3.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान है. आईएमएफ और विश्व बैंक ने भारत के विकास अनुमान को भी घटाया है. आईएमएफ ने कहा है कि भारत चालू वित्त वर्ष में 8.2 फीसदी की दर से बढ़ेगा जो जनवरी में अनुमानित विकास दर से 0.8 फीसदी कम है.
ये भी पढ़ें-