अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की अहम बैठक
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद बताया, "एफएसडीसी की बैठक में अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत पर चर्चा हुई.
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नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अहम बैठक की. वित्तीय स्थायित्व एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की. इस परिषद में बैंकिंग, बीमा, पेंशन और प्रतिभूति बाजार के विनियामकों के अलावा दिवाला प्रक्रिया संहिता के तहत गठित बोर्ड के प्रमुख भी शामिल हुए. बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास, सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी, बीमा विनियामक इरडा के चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंटिया, भारतीय ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला-प्रक्रिया बोर्ड के चेयरमैन एमएस साहू और पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के प्रमुख रवि मित्तल ने हिस्सा लिया. बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, वित्त सचिव राजीव कुमार, आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे और वित्त मंत्रालय के कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद बताया, "एफएसडीसी की बैठक में अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत पर चर्चा हुई. इसके अलावा एक महत्वपूर्ण बिंदु साइबर सिक्योरिटी का भी रहा. हमने एफएसडीसी की बैठक में साइबर सिक्योरिटी के मुद्दे पर भी चर्चा की. इसके अलावा एनबीएफसी के मुद्दे पर भी विस्तृत चर्चा हुई. आरबीआई टॉप फिफ्टी एनबीएफसी को मॉनिटर कर रहा है. जहां भी हमें एनबीएफसी में दिक्कत नजर आती है हम उस कंपनी के मैनेजमेंट से सीधे तौर पर बात कर रहे हैं. एनबीएफसी के लिए सीआरएआर 15 फ़ीसदी होना चाहिए जोकि फिलहाल एनबीएफसी सेक्टर का 19.3 फीसदी है."
कॉपरेटिव क्षेत्र के बैंकों पर खास चर्चा
इस बैठक में कोऑपरेटिव क्षेत्र के बैंकों को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई है. जिस तरीके से बीते दिनों पीएमसी बैंक का मामला सामने उभर कर आया है उसके बाद सरकार अब कॉपरेटिव बैंक की वित्तीय स्थिति पर खास ध्यान दे रही है. बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने बताया, "इस बैठक में कोऑपरेटिव क्षेत्र के बैंकों की स्थिति पर भी चर्चा हुई है. कोऑपरेटिव एक्ट में कुछ संशोधन करने की जरूरत है. मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट के कुछ प्रावधानों में बदलाव के लिए सरकार आरबीआई के साथ मिलकर काम कर रही है. पीएमसी बैंक मामले में हमने निकासी की सीमा बढ़ाई है. पीएमसी बैंक मामले पर आरबीआई बहुत बारीकी से नजर रखे हुए हैं. फिलहाल पीएमसीबैंक मामले में दो बड़े काम हो रहे हैं. पहला तो यह कि फॉरेंसिक ऑडिट चल रहा है. इसके अलावा पीएमसी बैंक कि जो संपत्तियां हैं उनकी क्या कीमत आ सकती है इसका आकलन चल रहा है. इसके लिए एक एजेंसी नियुक्त की गई है जो यह पता लगा रही है कि बैंक के पास जो संपत्तियां करदाताओं ने गिरवी रखी हैं उनकी बाजार कीमत क्या है. इसके आधार पर ही आगे चलकर रिजर्व बैंक पीएमसी बैंक मामले पर कोई और फैसला लेगा."
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