Finance Bill: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन को बताया कि 2010-11 से लेकर 2021-22 पेट्रोल डीजल पर लगने वाले सेस के जरिए 11.32 लाख करोड़ रुपये जुटाये गए हैं और सरकार ने 11.37 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं. वित्त मंत्री ने के मुताबिक 2013-14 से लेकर 20221-22 के बीच हेल्थ एजुकेशन सेस से 3.94 लाख करोड़ रुपये जुटाये गए हैं जिसमें 3.94 लाख करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि कच्चे तेल के दामों में आया अप्रत्याशित उछाल चिंता का सबब है.  


वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि जीएसटी के लागू होने के बाद से 2017-18 से लेकर 2021-22 के बीच जीएसटी कम्पनसेशन सेस के जरिए 5.63 लाख करोड़ रुपये जुटाये गए हैं जिसमें 6.01 लाख करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया गया है. उन्होंने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में सेंट्रल टैक्स पूल से राज्यों को 8.35 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं जो रिवाईज्ड एस्टीमेट 7.45 लाख करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा है. 


हाल के दिनों में देश में बढ़ते आर्थिक असमानता को आए रिपोर्टों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि वैश्विक असमानता रिपोर्ट में भारत को गरीब और असमानता वाला देश बताया गया है कि जो कि भ्रामक है और संदिग्ध पद्धति पर आधारित है. 


वित्त मंत्री ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध का असर सभी देशों पर पड़ा है जैसा महामारी के दौरान हुआ था. इससे सप्लाई चेन पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पैसा जुटाने के लिए टैक्स बढ़ोतरी का सहारा नहीं लिया है. इकोनॉमिक रिकवरी के फंडिंग के लिए टैक्स का भार लोगों पर नहीं डाला गया. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार महंगाई और आर्थिक विकास और आर्थिक रिकवरी के बीच संतुलन बनाने के प्रति सचेत है. 


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