Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी के संभावित दुरुपयोग पर चिंता जाहिर करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत वर्चुअल करेंसी के रेग्युलेशन पर बहुत सोच समझ और विचार कर निर्णय लेगा. वित्त मंत्री ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक बातचीत में कहा, क्रिप्टो पर निर्णय जल्दबाजी में नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि, इसे अपना समय लेना होगा. हम सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए कि कम से कम एक उपलब्ध जानकारी के साथ, हम उचित निर्णय ले रहे हैं. इसे जल्दी नहीं किया जा सकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा इरादा किसी भी तरह से क्रिप्टो के आसपास के इनोवेशन को चोट पहुंचाने का नहीं है. वित्त मंत्री ने फिर दोहराया कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग या टेरर फाइनेंसिंग के लिए की जा सकती है. उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों ने इसे लेकर अलग अलग बहुपक्षीय प्लेटफार्मों में भी चर्चा की है और चिंता जाहिर की है.
इससे पहले भी अमेरिका दौरे के दौरान वित्त मंत्री ने ये बातें कही थी. वित्त मंत्री ने कहा था कि भारत ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया जिससे इसका ट्रांजैक्शन करने वाले लोगों पर नजर रखी जा सके. इससे ये पता लगाया जा सकेगा कौन लोग इसके ट्रांजैक्शन में शामिल हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि "हम इन लेन-देन को कैसे ट्रैक कर सकते हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक कोड में किया जा रहा था. इसलिए हम सुनिश्चित होना चाहते थे. यही वजह है कि हमने 30 फीसदी क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाने का फैसला किया जिससे ये हम जान पाएंगे कि कौन खरीद रहा है और कौन इसे बेच रहा है.
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