वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) ने मौजूदा वैश्विक बैंकिंग संकट (Global Banking Crisis) के बीच आज शनिवार को सभी सरकारी बैंकों के साथ एक अहम बैठक की. बैठक में उन्होंने सभी सरकारी बैंकों की मौजूदा वित्तीय सेहत का जायजा लिया. इसके साथ-साथ वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों को बैंकिंग संकट से बचने के लिए जरूरी हिदायतें भी दीं.
इन चीजों की पहचान करें बैंक
सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन की बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी किया. बयान के अनुसार, वित्त मंत्री ने सभी सरकारी बैंकों को निर्देश दिया कि वे अच्छे से जोखिमों का आकलन करें. इसके साथ-साथ बैंकों को अन्य अहम वित्तीय मानकों को भी दुरुस्त करने के लिए कहा गया. उन्होंने बैंक प्रमुखों से कहा कि वे तमाम उन बिंदुओं की पहचान करें, जो मुसीबत बढ़ाने वाले साबित हो सकते हैं.
मजबूत हैं भारतीय बैंक
वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ इस बैठक से पहले सभी बैंकों से बॉन्ड पोर्टफोलियो की विस्तृत जानकारी ली थी. बयान के अनुसार, वित्त मंत्री ने कहा कि सभी सरकारी बैंकों को किसी भी अनुमानित झटके से बचाव के उपाय करने चाहिए. बयान में कहा गया कि सभी प्रमुख वित्तीय मापदंड सरकारी बैंकों के स्थिर और लचीले होने का संकेत देते हैं.
एसएंडपी ने कही थी ये बात
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने इससे पहले ठीक इसी तरह की बात की थी. एसएंडपी ने इस सप्ताह कहा था कि अमेरिका में जारी बैंकिंग संकट के किसी भी संक्रामक असर को झेलने में भारतीय बैंकिंग प्रणाली पूरी तरह से सक्षम है. रेटिंग एजेंसी के हिसाब से ठोस फंडिंग प्रोफाइल, बचत की अच्छी दर और सरकार के समर्थन जैसे फैक्टर भारतीय बैंकिंग प्रणाली को काफी मजबूत बनाते हैं.
इन लोगों ने लिया हिस्सा
बयान के अनुसार, इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के अलावा वित्त राज्यमंत्री डॉ भागवत किशनराव कराड (Union Minister of State for Finance Dr Bhagwat Kishanrao Karad), वित्तीय सेवा विभाग के सचिव डॉ विवेक जोशी (Dr. Vivek Joshi, Secretary, Department of Financial Services) और सरकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (MDs & CEOs of Public Sector Banks) ने हिस्सा लिया.
बैंकों को मिले ये भी निर्देश
बैठक में सरकारी बैंकों को कुछ अन्य निर्देश भी दिए गए. उन्हें बजट में घोषित महिला सम्मान बचत पत्र (Mahila Samman Bachat Patra) को खास मुहिमों व अभियानों के जरिए बढ़ावा देने के लिए कहा गया. सरकारी बैंकों को सीमाई व तटीय इलाकों में बैंकिंग उपस्थिति बढ़ाने, पूर्वोत्तर व पूर्वी राज्यों में क्रेडिट ऑफटेक को बढ़ाने तथा ओडीओपी (ODOP), ई-नाम (e-NAM) जैसे उभरते क्षेत्रों में कारोबारी उपस्थिति मजबूत बनाने के लिए कहा गया.
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