नई दिल्ली: आम बजट के पेश होने में दो महीने का वक्त बचा रह गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कोविड-19 संक्रमण इस दौर में वित्त वर्ष 2021-22 का बजट अब तक के बजट में सबसे अलग होगा. इस बजट में हेल्थकेयर, आजीविका, रोजगार और एजुकेशन को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस बजट में उन सेक्टरों को प्राथमिकता की दी जाएगी, जिनमें कोविड ने सबसे ज्यादा उथल-पुथल मचाई है. जो सेक्टर ग्रोथ इंजन बन सकते हैं. उन्हें बजट में ज्यादा सहूलियतें दी जा सकती हैं.


हेल्थकेयर, एजुकेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सबसे अधिक जोर 


सीआईआई के एक कार्यक्रम में निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपने संबोधन में इंडस्ट्री प्रतिनिधियों से अपने सुझाव भेजने की अपील की. उन्होंने कहा कि वे अपने इनपुट्स भेजें ताकि यह बजट अभूतपूर्व साबित हो. उन्होंने कहा कि पिछले 100 साल में भारत ने ऐसा बजट नहीं देखा होगा. वित्त मंत्री ने कहा हेल्थ और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को इस बजट में काफी महत्व मिलेगा. हॉस्पिटल, हेल्थकेयर सेक्टर में क्षमता निर्माण, टेलीमेडिसिन सेक्टर में स्किल डेवलपमेंट और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में काफी बड़े प्रावधान किए जाएंगे.


हेल्थकेयर सेक्टर में नए इनोवेशन पर पूरा ध्यान 


वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रावधान कर सकती है. उन्होंने कहा कि भारत की लगभग 60 फीसदी आबादी 30 साल से कम उम्र की है. ऐसे में उनकी रोजगार संभावनाएं बढ़ाने के प्रावधान किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मेडिकल आरएंडडी, बायोटेक्नोलॉजी आरएंडडी और फार्मा आरएंडडी प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप के तहत ज्यादा पूंजी निवेश की जरूरत होगी ताकि कोरोना संक्रमण जैसी मुसीबत में सस्ते इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई जाएं.


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