Nirmala Sitharaman: देश में टैक्सपेयर्स की संख्या कैसे बढ़ाई जाए इसी पर मंथल करने के लिए वित्त निर्मला सीतारामन ने  सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBDT) के साथ रिव्यू मीटिंग की जिसमें रेवेन्यू सचिव के साथ ही सीबीडीटी के चेयरमैन और सबीडीटी के सदस्य शामिल हुए. बैठक में वित्त मंत्री को इनकम टैक्स विभाग द्वारा उठाये गए कदमों की जानकारी दी गई. बैठक वित्त मंत्री ने सीबीडीटी से टैक्सपेयर्स की ओर से दाखिल किए गए आवेदनों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने और उसपर सभी जरुरी एक्शन लेने के साथ ही उपयुक्त समय सीमा के भीतर इन आवेदनों को कार्रवाई कर निपटाने पर जोर दिया है. 


वित्त मंत्री ने सीबीडीटी के साथ हुई बैठक में तीन बिंदुओं पर चर्चा हुई. जिसमें टैक्सपेयर्स की संख्या को कैसे बढ़ाया जाए. दूसरा, इनकम टैक्स के अधिकारियों के खिलाफ पेंडिंग अनुशानात्मक कार्रवाई के मामले और तीसरा इनकम टैक्स 1961 एक्ट के तहत देरी की माफी और छूट के अनुदान के लिए आवेदनों का निपटान शामिल है. 






समीक्षा बैठक में वित्त मंत्री को बताया गया कि डिविडेंड, ब्याज, शेयरों, म्यूचुअल फंड और जीएसटीएन से वित्तीय लेनदेन के नए डाटा के सोर्स मिलने के चलते रिपोर्ट किए जाना वाली जानकारियों में 1118 फीसदी का उछाल आया है. इसके चलते 3 करोड़ अतिरिक्त लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है. 


8 वर्ष में नए टीडीएस कोड 36 से बढ़कर 65 हो गया है इसके चलते 2015-16 में जहां केवल 70 करोड़ ट्रांजैक्शन रिपोर्ट हुआ था जिसकी संख्या बढ़कर 144 करोड़ हो गई है. इसके चलते यूनिक डिडक्टीज की संख्या 2015-15 में 4.8 करोड़ से बढ़कर 9.2 करोड़ हो गई है. वित्त मंत्री को बताया गया कि पर्सनल इनकम टैक्स का जीडीपी में योगदान 2014-15 में 2.11 फीसदी से बढ़कर 2.94 फीसदी हो गया है. 


इस बैठक में वित्त मंत्री इनकम टैक्स के कर्मचारियों अधिकारियों के खिलाफ चल रही अनुशासन कार्रवाई की समीक्षा की साथ ही कार्रवाई में प्रक्रियागत देरी को कम से कम करने को कहा. वित्त मंत्री ने सीबीडीटी को ऐसी कार्यवाही को अंतिम रूप देने तेजी दिखाने के निर्देश दिए.  वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सीबीडीटी को करदाताओं द्वारा दायर सभी आवेदनों पर समय पर और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए और ऐसे आवेदनों के निपटाने के लिए उचित समय सीमा बनाने को कहा. 


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