Covid-19 Impact On Service Sector: कोरोना महामारी के चलते बीते दो सालों से ट्रैवल, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स लॉकडाउन और वायरस के अलग अलग वैरिएँट के दस्तक देने से राज्य सरकारें बंदिशें लगाती रही हैं जिसका बड़ा खामियाजा इन सेक्टर्स को भुगतना पड़ा है. इन सेक्टर्स की परेशानी पर चर्चा करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्रैवल, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स से जुड़े कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.
माना जा रहा है कि इस बैठक में ऋण संबंधी मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. बैठक में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख भी शामिल हुए. वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, 'वित्त मंत्री के साथ बैठक में वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड, वित्त सचिव, वित्तीय सेवाओं के सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव और राजस्व सचिव के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुख तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया.
आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस)
बता दें कि आम बजट 2022-23 में ट्रैवल टूरिज्म सेक्टर को मदद प्रदान करने के उद्देश्य से आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था, ' ट्रैवल, टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स से जुड़ी छोटी और मध्यम कंपनियों का कारोबार अभी भी कोरोना पूर्व स्तर पर नहीं पहुंचा है. इसी को ध्यान में रखकर ईसीएलजीएस योजना को मार्च 2023 तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है. साथ ही गारंटी कवर को भी 50,000 करोड़ बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने का प्रविधान किया गया है. खास बात यह है कि अतिरिक्त गारंटी कवर को सिर्फ आतिथ्य और उससे जुड़े क्षेत्रों पर ही खर्च किया जाना है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वे बैठकों के इस कड़ी में नागरिक उड्ड्यन सेक्टर के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की. बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हुए.
इस बैठक में भी एयरलाइंस सेक्टर की दिक्कतों, बैकिंग सेक्टर और कर्ज से जुड़े मु्द्दे पर चर्चा की गई.
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