नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय और आरबीआई मंगलवार को बैठक कर 2020-21 की पहली छमाही के लिए सरकार की उधार योजना पर फैसला करेंगे. कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर यह बैठक महत्वपूर्ण है.


सूत्रों के मुताबिक सरकार कोविड-19 महामारी के चलते अर्थव्यवस्था के सामने आई चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी उधार योजना को बढ़ाने का सहारा लेगी. सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बीच पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक होगी.

बैठक के बाद दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों और लघु अवधि के पत्र जारी करने के उधारी कार्यक्रम की घोषणा शाम को की जाएगी. बजट के मुताबिक सरकार की 2020-21 में बाजार से 5.36 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना है.

बता दें कि आरबीआई ने बीते शुक्रवार को रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती करने का एलान किया है और इसे 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90 फीसदी की कटौती का एलान किया है और इसे 4.90 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया है.

इसके अलावा आरबीआई ने कैश रिजर्व रेश्यो में भी कटौती कर दी है और इसे 4 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया है. आरबीआई के कदमों से सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपये की लिक्विडिटी आने की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें

IOC के ग्राहक 15 दिन से पहले गैस की दोबारा बुकिंग नहीं करा सकेंगे, HPCL ने भी किया ये एलान

श्रम मंत्रालय ने EPF सब्सक्राइबर्स को PF खाते से रकम निकालने की सुविधा दी, जानें क्या हैं शर्तें