Monthly Economic Review: वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने मार्च महीने के लिए मंथली इकोनॉमिक रिव्यू जारी किया है. अपने रिव्यू में विभाग ने कहा कि कोरोना महामारी के असर और वैश्विक-राजनीतिक विवाद के चलते वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बावजूद 2022-23 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद शानदार रहा है. रिपोर्ट में कहा गया कि अर्थव्यवस्था में मजबूती देखी जा रही और 7 फीसदी के दर से विकास करने का अनुमान है जो कि अन्य बड़े देशों के आर्थिक विकास के दर से ज्यादा है.  लेकिन मंथली इनोनॉमिक रिव्यू में मानसून को लेकर सतर्क रहने की भी हिदायत दी गई है. 


वित्त मंत्रालय ने अपने मंथली इकोनॉमिक रिव्यू अल नीनो से सूखे के हालात और उसके चलते कृषि उत्पादन में गिरावट और उसके चलते कीमतों में उछाल से आगाह किया है साथ ही वैश्विक-राजनीतिक हालात और ग्लोबल फाइनैंशियल स्टैबिलिटी पर निगरानी बनाये रखने की हिदायत दी गई है. इन तीन वजहों का असर ग्रोथ और महंगाई पर आने वाले समय में दिख सकता है. 


रिपोर्ट में कहा गया कि चालू खाते के घाटे में सुधार देखने को मिला है जो मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता को दर्शाता है. महंगाई में कमी देखी जा रही है और पॉलिसी रेट्स में बढ़ोतरी के बावजूद बैंकिंग सेक्टर इसके असर से बेअसर नजर आ रहा है ऐसे में बैंकिंग के चलते आर्थिक विकास की गति सतत जारी रहेगी.  रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्युईओ के अनुमान के मुताबिक 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से विकास करेगी.  2022-23 के इकोनॉमिक सर्वे और आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जताया गया है. विश्व बैंक ने 6.3 फीसदी और एडीबी का अनुमान 6.4 फीसदी है. 


वित्त मंत्रालय ने अपने रिपोर्ट में कहा कि मार्च 2023 में खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा जून 2022 के बाद निचले स्तर पर है. कंज्यूमर गुड्स प्राइसेज में कमी के चलते थोल मुल्य आधारित महंगाई दर में गिरावट का ये असर है. रिपोर्ट में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमोडिटी के दामों में कमी, सरकार द्वारा उठाये कदमों और आरबीआई के सख्त मॉनिटरी पॉलिसी के चलते महंगाई में कमी आई है. रिपोर्ट के मुताबिक हाउसहोल्ड और बिजनेस को उम्मीद है कि महंगाई में कमी आएगी. 


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