लोकसभा चुनाव अंतिम दौर में है. शनिवार 1 जून को अंतिम चरण के मतदान के बाद 4 जून को चुनाव के नतीजे सामने आ जाएंगे. जैसे-जैसे चुनाव समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, वित्त मंत्रालय की पूर्ण बजट की तैयारियां तेज होती जा रही हैं.


चुनावी साल में दो बार बजट


हर बार लोकसभा चुनाव के साल में दो बार बजट आता है. इस बार फरवरी को एक बार बजट आ चुका है. चूंकि निवर्तमान सरकार के पास फरवरी के बाद कार्यकाल के कुछ ही महीने बचे रहते हैं, ऐसे में उस समय अंतरिम बजट पेश किया जाता है. चुनाव के बाद जब नई सरकार का गठन हो जाता है, तब उसके बाद संबंधित वित्त वर्ष का पूर्ण बजट पेश किया जाता है.


इस समय आ सकता है पूर्ण बजट


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2024 को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश किया था. अब जुलाई महीने में पूर्ण बजट आएगा. मिंट की एक रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया है कि पूर्ण बजट इस बार 15 जुलाई से पहले आएगा. वित्त मंत्रालय की तैयारी 5 जुलाई से 15 जुलाई के बीच पूर्ण बजट पेश करने की है, जिसके लिए तैयारियां पहले ही शुरू हो चुकी हैं.


पूर्ण बजट में दिख सकते हैं ये बदलाव


मंत्रालय के अधिकारियों की मानें तो जुलाई में आने वाला पूर्ण बजट बड़े बदलावों वाला हो सकता है. फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट में बहुत कम बदलाव किए गए थे. सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि चुनावी साल होने के बाद भी अंतरिम बजट में बड़े बदलाव नहीं किए जाएंगे. अब पूर्ण बजट के बारे में कहा जा रहा है कि उसमें सरकार अगले पांच सालों की रूपरेखा रख सकती है.


पूर्ण बजट का मुख्य फोकस इस बात पर रहने वाला है कि किस तरह से देश की आर्थिक तरक्की को आगे बढ़ाया जाए और आर्थिक तरक्की की रफ्तार अगले 5 सालों में तेज रखने के लिए किन सुधारों पर काम किया जाए.


उम्मीद से इतनी ज्यादा कमाई


पूर्ण बजट में सरकार व्यय पर जोर दे सकती है, क्योंकि सरकार को उम्मीद से बेहतर कमाई हुई है. अंतरिम बजट में सरकार ने अनुमान लगाया था कि उसे आरबीआई समेत विभिन्न वित्तीय संस्थानों से 1 लाख करोड़ रुपये मिल सकते हैं. रिजर्व बैंक अकेले सरकारी खजाने में 2.1 लाख करोड़ रुपये डाल चुका है. ऐसे में सरकार के पास खर्च बढ़ाने की गुंजाइश बन रही है.


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