Indian Economy: वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा - बजट से मिलेगी विकास को रफ्तार, महंगाई में आएगी कमी
Finance Ministry: वित्त मंत्रालय ने अपनी मंथली रिपोर्ट में कहा है कि महंगाई में गिरावट का ट्रेंड नजर आ रहा है.
Indian Economy: वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry) के आर्थिक मामलों के विभाग ने जनवरी 2023 के लिए मंथली इकोनॉमिक रिव्यू (Monthly Economic Review) रिपोर्ट जारी किया है जिसमें कहा गया है कि इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ( IMF) और विश्व बैंक ( World Bank) ने अनुमान ने जताया है कि 2023 में भारत दुनिया में सबसे तेजी गति से विकास करने वाला अर्थव्यवस्था होगा.
बजट से मिलेगी विकास को रफ्तार
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 के लिए पेश किए बजट के जरिए विकास को गति देने में मदद मिलेगी साथ ही महंगाई का भी काबू में किया जा सकेगा. रिपोर्ट में सरकार और आरबीआई द्वारा उठाये गए कदमों के चलते मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी छमाही में हेडलाइन महंगाई में गिरावट का ट्रेंड नजर आ रहा है. साथ ही वैश्विक आर्थिक संकट और मंदी की आशंका के चलते जून 2022 के बाद से कमोडिटी के दामों में गिरावट का सिलसिला जारी है हालांकि एनर्जी और खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों के चलते जनवरी 2023 में अभी भी ये महामारी पूर्व के दौर से ज्यादा बना हुआ है. कच्चे तेल के दामों में कमी आई है ये लेकिन ये कोरोना पूर्व के दौर से अभी भी ज्यादा है. हालांकि प्राकृतिक गैस के दाम अगस्त में रिकॉर्ड हाई पर चला गया था वो अब रूस-यूक्रेन युद्ध के पहले के दौर के लेवल पर आ चुका है.
घरेलू आर्थिक गतिविधि बढ़ी
वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 के हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स इस बात के संकेत दे रहे है वैश्विक आर्थिक स्लोडाउन के बावजूद घरेलू आर्थिक गतिविधि शानदार रही है. जनवरी 2023 में पीएमआई मैन्युफैक्चरिंग डाटा उत्साह बढ़ाने वाला रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ती मांग और नए कार्यों में बढ़ोतरी के चलते बीते 18 महीने से पीएमआई सर्विसेज में विस्तार देखने को मिला है. रेल, फ्रेट और एयर मोड के जरिए ट्रांसपोर्ट एक्टिविटी में तेजी आई है.
डिमांड में तेजी
मंथली आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोक्ताओ द्वारा किए जाने वाले खर्च से जुड़े इंडेक्स, ऑटोमोबाइल सेल्स के आंकड़े, यूपीआई ट्रांजैक्शन और कर्ज देने की रफ्तार से पता लगता है कि मांग में तेजी बनी हुई है जो आर्थिक गतिविधि को गति देने के लिए पर्याप्त है. रिपोर्ट के मुताबिक निजी कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स कॉरपोरेशन के 2022 के रेवेन्यू ग्रोथ के आंकड़ों से प्राइवेट डिमांड में तेजी का पता लगता है.
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