(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मनरेगा के लिए सरकार ने जारी किया 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड, गांवों में रोजगार को मिलेगी रफ्तार!
MGNREGA: वित्त मंत्रालय ने मनरेगा के तहत वित्त वर्ष 2024 के लिए अतिरिक्त 10 हजार करोड़ रुपये के फंड की व्यवस्था की है. इससे ग्रामीण इलाके के लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलेगा.
MGNREGA Fund Released by Finance Ministry: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय 10,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड को जारी कर दिया है. ध्यान देने वाली बात ये है कि ग्रामीण इलाकों में इस साल रोजगार में गिरावट देखी गई है. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले पर जानकारी देते हुए एक सीनियर अधिकारी ने बताया है कि NREGA में फंड के खर्च में बढ़त दर्ज की गई है. ऐसे में जरूरत को पूरा करने के लिए अतिरिक्त फंड जारी कर दिया गया है. वहीं इसके बाद केंद्र सरकार संसद के अगले सत्र में सरकार से फंड लेगी.
मनरेगा के तहत रोजगार की बढ़ी मांग
गौरतलब है कि इस वित्त वर्ष में खराब बारिश के कारण ग्रामीण इलाकों में रोजगार का संकट देखा गया है. ऐसे में एक सीनियर अधिकारी ने इकोनॉमिक टाइम्स बता करते हुए बताया था कि इस साल सरकार ने मनरेगा के तहत 60,000 करोड़ रुपये का बजट का आवंटन किया था जो शीतकालीन सत्र से पहले ही खत्म 95 फीसदी तक इस्तेमाल कर लिया गया है. ऐसे में मनरेगा की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट को रिलीज कर दिया है.
सरकार ने 24,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट को दी है मंजूरी
गौरतलब है कि इस साल ग्रामीण इलाके में खराब मानसून के और धीरे-धीरे हो रहे औद्योगिक सुधार के कारण आमतौर पर श्रमिकों का शहरोम के तरफ प्रवास कम देखा गया है. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में मनरेगा के तहत काम की मांग में इजाफा हुआ है. ऐसे में संसद के शीतकालीन सत्र से पहले ही तय किए बजट का 95 फीसदी हिस्सा खर्च कर दिया गया था. ऐसे में फंड्स की कमी को देखते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तय किए गए फंड में 28,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट के प्रावधान की बात कही है. अब सरकार ने इसमें से 10,000 करोड़ के फंड को जारी भी कर दिया है.
FY24 में बजट में की गई कटौती
ध्यान देने वाली बात ये है कि वित्त वर्ष 2024 में केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत आवंटित होने वाले बजट में बड़ी कटौती करके इसे 88,000 करोड़ रुपये से घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया था, हालांकि इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया था कि जरूरत पड़ने पर सरकार और फंड्स का प्रावधान करेगी.
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