Income Tax Department: अगर आपने इनकम टैक्स विभाग के टैक्स डिमांड के खिलाफ कोई अपील दाखिल किया हुआ है और आपके अपील पर सुनवाई में देरी हो रही है तो प्रधानमंत्री कार्यालय या वीआईपी रिफरेंस की मदद से आपकी अपील पर प्राथमिकता के आधार पर इनकम टैक्स  विभाग सुनवाई करेगा. 7 मार्च के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने इसे लेकर एक नया गाइडलाइंस जारी किया है जो इन दिनों चर्चा में बना हुआ है. 


सीबीडीटी की ओर से जारी किया गया ये नया गाइडलाइंस 2021 में तैयार किए गए मैकेनिज्म की जगह लेगा. जिसमें इनकम टैक्स कमिश्नर (अपील/अपील यूनिट) और एडिशनल या ज्वाइंट कमिश्नर इनकम टैक्स (अपील) के पास पेंडिंग अपील को प्राथमिकता के आधार पर ऑउट ऑफ टर्न डिस्पोजल के लिए नया फ्रेमवर्क तैयार करेगा. इस नए गाइडलाइंस के मुताबिक उन हालातों का जिक्र किया गया है जिसमें किसी इनकम टैक्स अपील के मामले के आउट ऑफ टर्न डिस्पोजल को प्राथमिकता दी जाएगी. 


वीआईपी या पीएमओ रिफरेंस पर जल्द होगी सुनवाई 


इसमें पहला केस ऐसा होना चाहिए जिसमें करोड़ रुपये से ज्यादा डिमांड हो. दूसरे केस ऐसा हो जिसमें वीआईपी या प्रधानमंत्री कार्यालय से मामले के जल्दी निपटाने के लिए रिफरेंस आए. तीसरे केस में कोर्ट की ओर से आदेश जारी किया गया हो. चौथे केस में सीनियर सिटीजंस या सुपर सीनियर सिटीजंस की तरफ से आउट ऑफ टरर्न डिस्जोपजल के लिए अनुरोध आए. और पांचवें केस में अगर वाकई में टैक्सपेयर किसी परेशानी में घिरा हो.  


वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देने पर बढ़ा विवाद


हालांकि इनकम टैक्स विभाग के इस गाइडलाइंस को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है और मोदी सरकार पर विपक्ष निशाना साध रहा है. टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने सरकार पर वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि एक तरफ लाखों लोग महीनों तक इनकम टैक्स रिफंड का इंतजार करते रहते हैं. पर अब अगर आपका इनकम टैक्स रिफंड या अपील इनकम टैक्स विभाग के पास पेडिंग है तो एक वीआईपी चिठ्ठी से आपके काम में तेजी आ जाएगी. 






टैक्स जानकार जता रहे हैरानी 


टैक्स मामलों से जुड़े कई जानकार इनकम टैक्स विभाग के इस वीआईपी या प्रधानमंत्री कार्यालय के रिफरेंस के गाइडलाइंस को लेकर हैरानी जता रहे हैं. 


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