Adani Row: अडानी विवाद पर वित्त मंत्रालय का आया जवाब! जनरल इंश्योरेंस कंपनियों का ग्रुप में लगा है इतना पैसा
FM on Adani Group: अडानी ग्रुप को सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों और बैंकों ने फाइनेंशियल संस्थानों द्वारा कितना लोन दिया यह सवाल संसद में पूछा गया है. आइए जानते हैं इस सवाल पर सरकार का जवाब.
Finance Ministry on Adani Group: पिछले कुछ वक्त से अडानी समूह लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. ऐसे में आडानी ग्रुप से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए फाइनेंस मिनिस्ट्री ने बताया कि देश की 5 सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों का आडानी ग्रुप में कुल 347 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है. यह कंपनियों के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) का 0.14 फीसदी हिस्सा है. बता दें कि संसद में फाइनेंस मिनिस्ट्री यह सवाल किया गया था कि अडानी ग्रुप को बैंकों और फाइनेंशियल संस्थानों द्वारा कितना लोन दिया गया था. ऐसे में वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने इस सवाल का लिखित जवाब देते हुए यह भी कहा कि फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन आरबीआई एक्ट के मुताबिक इस बात का खुलासा नहीं कर सकता है कि अलग-अलग सरकारी और फाइनेंशियल संस्थानों ने अडानी ग्रुप को कुल कितना लोन दिया है.
एलआईसी और एसबीआई ने कितना किया निवेश?
भारतीय जीवन बीमा निगम के अडानी ग्रुप में निवेश के सवाल का जवाब देते हुए कराड ने बताया कि इस सरकारी संस्था ने 30 जनवरी 2023 को यह खुलासा किया था कि अडानी ग्रुप में इक्विटी और लोन 35,917.31 करोड़ रुपये का है. यह आंकड़ा 31 दिसंबर, 2022 तक का है. वहीं एलआईसी का AUM अडानी ग्रुप का 0.977 फीसदी है. इसके साथ ही राज्यमंत्री कराड ने यह भी कहा कि यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने अडानी ग्रुप में कितना निवेश किया है इस बारे में खुलासा नहीं कर सकते हैं क्योंकि वह नियमों से बंधे हुए हैं.
अडानी ग्रुप के शेयर गिरे
वहीं आज के शेयर मार्केट की बात करें तो हफ्ते के पहले कारोबारी दिन में मुनाफा वसूली के कारण भारतीय शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज की गई. अडानी ग्रुप के शेयरों में जमकर गिरावट दर्ज की गई. स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड अडानी ग्रुप की 10 कंपनियों के शेयरों में से 6 शेयरों में आज लोअर सर्किट लगाना पड़ा. कंपनी के शेयरों में गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि रेटिंग एजेंसी मूडीज से ग्रुप के क्रेडिट आउटलुक को डाउनग्रेड किया है. ऐसे में निवेशकों में निराशा का माहौल है और शयरों पर इसका दवाब देखा गया है.
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