Budget 2023-24: मोदी सरकार (Modi Government) के दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट के तैयार करने की प्रक्रिया की शुरुआत सोमवार 10 अक्टूबर, 2022 से शुरू हो चुकी है जो अगले महीने तक चलने वाली है. इसी के साथ वित्त मंत्रालय की सरकार के अलग अलग विभागों और मंत्रालयों के साथ प्री-बजट बैठक शुरू हो गई है.
10 नंवबर तक चलेगी बैठक
वित्त मंत्रालय, मंत्रालयों और विभागों के साथ बजट पूर्व बैठक में वित्त वर्ष 2022-23 में आवंटित किए रकम के खर्च और अगले वित्त वर्ष में उनके मांगों और बजट को लेकर चर्चा करेगा. वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग और आर्थिक मामलों के विभागों के अधिकारी मंत्रालयों, विभागों, एजेंसियों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ बारी - बारी के साथ चर्चा करेंगे. 10 नवंबर, 2022 तक इस बजट पूर्व बैठकों का दौर जारी रहेगा.
एसेट मॉनिटाईजेशन बनी चिंता!
इस बार सभी मंत्रालयों से एसेट मॉनिटाईजेशन को लेकर डिटेल रिपोर्ट के साथ आने को कहा गया है. मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार ने एसेट मॉनिटाईजेशन के जरिए 1.62 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. वित्तीय घाटे को कम करने के लिए सरकार के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना बेहद जरुरी है. बीते वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने माइन्स की निलामी, एनएचएआई के सड़कों और पावर एसेट्स के मॉनिटाईजेशन के जरिए 96000 करोड़ रुपये जुटाये थे. बीते महीने वित्त मंत्रालय ने अपने मंथली इकोनॉमिक रिपोर्ट में एसेट मॉनिटाईजेशन पर जोर दिया था जिससे वैश्विक चुनौतियों और खर्च में बढ़ोतरी से निपटा जा सके. 15 सितंबर, 2022 तक अभी तक केवल सरकार 26,800 करोड़ रुपये ही एसेट मॉनिटाईजेशन के जरिए जुटा सकी है.
वित्त मंत्री करेंगी बजट पूर्व बैठक
नवंबर महीने के मध्य के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उद्योगजगत के प्रतिनिधियों, कृषि क्षेत्र के जानकारों, अर्थशास्त्रियों और ट्रेड यूनियनों और स्टार्ट अप्स के साथ बजट पूर्व बैठक करेंगी और उनकी मांगें और सुझावों को सुनेंगी. एक फरवरी, 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना पांचवां बजट पेश करेंगी जो कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा. ये बजट लोकलुभावन होगा या विकास की रफ्तार को और गति प्रदान करेगा इसपर सबकी नजरें रहेंगी. महंगाई से राहत देने के लिए क्या मध्यमवर्ग को टैक्स में छूट की सौगात मिलेगी? 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अंतरिम बजट पेश करते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लाने की घोषणा की गई थी जिसे 1 दिसंबर 2018 से ही लागू किया गया था. ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार आने वाले बजट में किसानों के लिए पिटारा खोलेगी.2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट के चुनावी बजट रहने के भी आसार हैं.
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