Bank Employees Salary Hike: अगर आप सरकारी बैंक कर्मचारी हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. वित्त मंत्रालय ने इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) को बातचीत शुरू करने का आदेश दिया है. इसके जरिए बैंक कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का रास्ता खुलेगा. वित्त मंत्रालय ने 1 दिसंबर, 2023 तक इस बातचीत को पूरा करने के लिए कहा है. गौरतलब है कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों का मौजूदा वेतन एग्रीमेंट 1 नवंबर, 2022 को समाप्त हो गया है. ऐसे में सरकार लगातार बैंक कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनियनों से बातचीत कर रही है. पीटीआई की खबर के मुताबिक वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने जानकारी दी है कि वित्त मंत्रालय ने इस मामले को दिसंबर से पहले सुलझाने का आदेश दिया है.


सरकार ने लंबे वक्त से लंबित वेतन के मामले को जल्द से जल्द से सुझाना चाहती है ताकी कर्मचारियों को प्रोत्साहन मिल सके. इसके साथ ही ऑफिसर ने कहा वित्त मंत्रालय ने आईबीए से यह भी कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि भविष्य वेतन वृद्धि को लेकर होने वाली बातचीत सही समय पर हो.


वित्त मंत्रालय ने कही यह बात


आईबीए को जारी किए गए लेटर में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकार बैंक कर्मचारियों हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही सरकार को विश्वास है कि आईबीए अलग-अलग बैंक यूनियनों से जल्द ही बातचीत करके एक समझौते तक पहुंचने में रहेगा. इसके साथ ही सरकार ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि वेतन बढ़ोतरी करते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि सरकारी बैंक कर्मचारियों की सैलरी बैंकिंग इंडस्ट्री के बाकी इकाइयों के हिसाब से तय की जाए.


कर्मचारियों का रखा जाएगा ध्यान


पीटीआई से बातचीत करते हुए अधिकारी ने बताया बैंकिंग सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था का एक बेहद जरूरी हिस्सा है. ऐसे में बैंक कर्मचारियों के लिए बेहतर सैलरी और कामकाज का माहौल प्रदान करना सरकार का लक्ष्य है. इसके साथ ही अधिकारी ने कहा कि सरकारी बैंकों के कर्मचारियों का वेतन मुद्दा एक जटिल प्रक्रिया है. इसमें बैंक की वित्तीय हालात जैसी कई चीजों पर ध्यान देना पड़ता है. बिजनेस टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले पर आईबीए ने कहा है कि वह जल्द से जल्द एक ऐसे समझौते पर पहुंचना चाहते हैं जिसमें बैंक कर्मचारियों और बैंक दोनों का हित शामिल हो.


बैंकों की वेतन वृद्धि में देरी का है लंबा इतिहास


गौरतलब है कि बैंकों में वेतन वृद्धि में बढ़ोतरी में देरी का एक लंबा इतिहास रहा है. यह बैंकों के लिए वेतन समझौता एक कठिन और लंबी प्रक्रिया रही है. पहले भी इस तरह के समझौते में 2 से 3 साल का वक्त लग जाता है जिस कारण कई सालों की बकाया राशि जमा हो जाती है. वहीं पिछले वेतन समझौते की बात करें तो यह 3 साल पहले साल 2020 में पूरा हुआ था. इसमें 15 फीसदी वेतन बढ़ोतरी पर सहमति बनी थी.


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