ALERT! फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स आपका नहीं, अपना देखते हैं मुनाफा! तभी तो निवेशकों को डूबने से बचाने आया सेबी
हाल ही में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स को लेकर दिशानिर्देश लाने की बात कही है. वास्तव में वे आपके नहीं बल्कि अपने फायदे की ज्यादा सोचते हैं.
Aapka Fayda: सोशल मीडिया के लोकप्रिय होने के साथ-साथ फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स की संख्या भी बढ़ रही है, जो योग्य न होने पर भी निवेश की सलाह देते हैं. इसलिए SEBI ऐसे इंफ्लूएंसर्स पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइंस लाने पर काम कर रहा है. पिछले कुछ सालों में फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स या फिनफ्लूएंसर्स ने निवेशकों को आकर्षित किया है. वे खुद को वित्तीय गुरु के रूप में पेश करते हैं और विशेषज्ञों जैसी सलाह देते हैं. लेकिन, कम ही निवेशकों को पता होता है कि उन्हें इस तरह की सलाह देने के लिए पैसे दिए जा रहे थे. गलत जानकारी की वजह से निवेशकों को नुकसान झेलना पड़ता है.
मार्केट रेगुलेटर SEBI (Securities and Exchange Board of India) की यह जिम्मेदारी है कि बाजार में चल रही गलत चीजों पर रोक लगाई जाए. फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स द्वारा दी जा रही भ्रामक जानकारियों पर रोक लगाने के लिए SEBI अब सख्ती बरतने जा रहा है. फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स पर शिकंजा कसने के लिए SEBI दिशानिर्देशों पर काम कर रहा है.
क्या है फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स का मामला?
बिजनेस टुडे के अनुसार, फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स के पास YouTube पर नए ब्रोकिंग फर्मों की तुलना में ज्यादा सब्सक्राइबर्सर हैं. इसलिए कई लोग निवेश सलाह के लिए उनकी ओर देखते हैं. कई नए ब्रोकिंग फर्म और प्लेटफॉर्म ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए उन इंफ्लूएंसर्स की मदद लेते हैं, जहां वे इंफ्लूएंसर्स कहते हैं कि उन्होंने किसी विशेष फर्म का प्रोडक्ट का उपयोग किया है. इससे वे इंफ्लूएंसर्स पैसे कमाते हैं. यह निवेशकों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है.
तेजी मंदी के हेड ऑफ़ रिसर्च अनमोल दस कहते हैं कि यदि आप इंटरनेट पर देखें तो कई इंफ्लूएंसर्स यह बताते हुए वीडियो बनाते हैं कि वे आईपीओ में निवेश करेंगे या नहीं. इसका प्रभाव कभी-कभी हानिकारक होता है, खासकर कुछ हालिया स्टार्टअप की लिस्टिंग के बाद यह स्पष्ट भी हो गया है. कई इंफ्लूएंसर्स टेलीग्राम ग्रुप्स पर भी स्टॉक टिप्स देते हैं. कभी-कभी कंपनियां इन इंफ्लूएंसर्स को अपने शेयरों के बारे में सलाह देने के लिए मुआवज़ा देती है, ताकि वे कीमतों में हेरफेर कर सकें. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में वित्त और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित कंटेंट को लेकर इंफ्लूएंसर्स और सेलिब्रिटी द्वारा उल्लंघन के 415 मामले सामने आए.
क्या पूरी दुनिया में ऐसे ही काम कर रहे हैं फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स?
दास कहते हैं कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. सवाल उठता है कि आखिर यूएस स्टॉक मार्केट रेगुलेटर ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को कैसे नियंत्रित किया? अमेरिकी शेयर बाजार रेगुलेटर SEC ने निवेशकों को अस्पष्ट सलाह से बचाने और सिक्योरिटी मार्केट के निष्पक्ष कामकाज को बनाए रखने के लिए पहले ही मानदंड जारी कर दिए थे.
उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले सेलिब्रिटी किम कार्दशियन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर क्रिप्टो एसेट सिक्योरिटी से जुड़ी एथेरियममैक्स वेबसाइट के बारे में एक पोस्ट प्रकाशित की थी, जहां से आप EMAX टोकन खरीद सकते हैं.
बाद में SEC ने किम कार्दशियन पर आरोप लगाया कि उन्होंने यह जानकारी नहीं दी कि वह पोस्ट एक पेड प्रमोशन था. किम कार्दशियन ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने Instagram पर EMAX का समर्थन करने के लिए $2,50,000 लिए थे. बाद में 1.26 मिलियन डॉलर के जुर्माने और ब्याज का भुगतान करके मामले का निपटान किया गया.
सेबी का नया नियम निवेशकों को कैसे प्रभावित करेगा?
दास के अनुसार, अभी तक सेबी ने नियमों की जानकारी नहीं दी है. लेकिन एक बार जब ये नियम लागू हो जाएंगे तो तथाकथित फिनफ्लूएंसर्स को एक दायरे में काम करना होगा. इसके अलावा निवेशकों को सुरक्षित करने और सही कामों को प्रोत्साहित करने के लिए डिस्क्लेमर और सेबी पंजीकरण अनिवार्य किया जा सकता है. फाइनेंशियल इंफ्लूएंसर्स का उदय मार्केट रेगुलेटर SEBI के लिए दुविधा का विषय रहा है. इसलिए SEBI निवेशकों के हितों को सुरक्षित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. जब तक नए दिशानिर्देश जारी नहीं हो जाते, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और फिनफ्लूएंसर्स की सलाह के आधार पर निवेश नहीं करना चाहिए.
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