(डॉ मधुमति रामकृष्णन)


भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. साल 2022 में कैंसर के मामले 1.46 मिलियन (14.6 लाख) से बढ़कर 2025 में 1.57 मिलियन (15.7 लाख) तक पहुंच गए. कैंसर का राष्ट्रीय औसत प्रति 100,000 लोगों में 100.4 है, जो गंभीर स्थिति बताता है. कैंसर एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या होने के अलावा फाइनेंशियल बोझ भी बन जाता है, क्योंकि इसके इलाज में वित्तीय स्थिरता और लगातार इलाज जारी रखा जाना जरूरी है. कैंसर का असर केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि वित्तीय स्थिरता पर भी होता है.


मेडिकल टेक्नोलॉजी में हुई उन्नति ने कैंसरपीड़ितों को लंबे समय तक जीवित रखने में बड़ी सफलता हासिल की है, लेकिन कैंसर के इलाज की बढ़ती लागत (इम्युनोथेरेपी, मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज, प्रोटॉन थेरेपी, रोबोटिक सर्जरी आदि जैसे आधुनिक इलाजों की शुरुआत) के साथ स्वास्थ्य बीमा कराया जाना बहुत जरूरी हो गया है, ताकि स्वास्थ्य एवं वित्तीय सेहत की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.


क्यों जरूरी है कैंसर सर्वाइवर्स के लिए इंश्योरेंस?


कैंसर सर्वाइवर्स की कई चिकित्सा जरूरतें हुआ करती हैं, जिसमें बीमारी का इलाज केवल एक पहलू होता है. इलाज के साइड इफेक्ट, द्वितीयक या विलंबित इफेक्ट, शारीरिक पुनर्वास और पेन मैनेजमेंट आदि भी इसके व्यापक इलाज में शामिल होते हैं. ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य बीमा कैंसर सर्वाईवर्स के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. पिछले कई सालों में विकसित हुए स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के साथ कैंसर सर्वाइवर्स के लिए ऐसा कस्टमाइज्ड बीमा कवर होना आवश्यक हो गया है, जो कैंसर के सभी स्टेज एवं इसकी वापसी से सुरक्षा देने के लिए उनकी विशेष मेडिकल केयर की जरूरतों को पूरा कर सकें.


विस्तृत स्वास्थ्य बीमा योजना के कवरेज


एक विस्तृत स्वास्थ्य बीमा योजना में कैंसर सर्वाइवर्स के लिए कमरे का किराया, डॉक्टर की फीस, सर्जरी का शुल्क और इन-पेशेंट खर्चों के कवर के अलावा स्वास्थ्य जांच, डे-केयर सर्जरी, वैक्सीनेशन का कवरेज, टेलीकंसल्टेशन, होम हैल्थकेयर कवरेज, दूसरी मेडिकल राय और वैलनेस प्रोग्राम के कवर भी शामिल होने चाहिए. ये कैंसर सर्वाइवर्स को स्वस्थ होने की प्रक्रिया और स्वस्थ होने के बाद आगे के जीवन में सहारा दे सकते हैं.


बहुत ज्यादा हैं भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च


कैंसर के इलाज और पुनर्वास के लिए अस्पताल में भर्ती होने और आउट ऑफ पॉकेट खर्च बहुत ज्यादा होने के कारण प्री और पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन के खर्चों को विस्तार से समझना बहुत जरूरी है. इसलिए हॉस्पिटल में भर्ती होने और उसके बाद होने वाले डायग्नोस्टिक टेस्ट, परामर्श, दवाओं की अनेक जरूरतों को कवर करने वाला एक समग्र सुरक्षा कवच काफी मददगार होता है. यह कैंसर सर्वाइवर्स की विस्तृत जरूरतों, जैसे डायग्नोस्टिक, रिकवरी और पोस्ट रिकवरी स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है.


पॉलिसीधारकों को इन चीजों का ज्ञान जरूरी


पॉलिसीधारकों को मुख्य परफॉर्मेंस इंडीकेटर्स का ज्ञान भी होना चाहिए, ताकि बीमाकर्ता व्यक्तिगत और बड़े क्लेम, दोनों के लिए भरोसेमंद रहे. पिछले सालों में स्थिर प्रदर्शन करने वाली कंपनी, जिसका ट्रैक रिकॉर्ड प्रमाणित रहा हो, को चुनने से सतत और भरोसेमंद कवर सुनिश्चित होता है, जो कैंसर सर्वाइवर्स के लिए बहुत जरूरी है.


सिर्फ वित्तीय निर्णय नहीं है इंश्योरेंस


स्वास्थ्य बीमा प्लान लेना भारत में कैंसर सर्वाइवर्स के लिए केवल एक वित्तीय निर्णय नहीं है, बल्कि यह समग्र स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की ओर एक रणनीतिक और महत्वपूर्ण कदम है. स्वास्थ्य बीमा बढ़ते मेडिकल खर्च से लेकर निरंतर देखभाल की जरूरत तक एक विस्तृत सुरक्षा कवच प्रदान करता है, ताकि सर्वाइवर वित्तीय तनाव के अतिरिक्त भारत के बिना रिकवरी पर फोकस कर सकें. देश में कैंसर का भार बढ़ रहा है, इसलिए एक ऐसे स्वास्थ्य बीमा में निवेश करना आवश्यक हो गया है, जो कैंसर के बाद के जीवन में हर कदम पर सुरक्षा व सहयोग प्रदान कर सके. यह आज की एक बड़ी जरूरत है.


(लेखिका डॉ मधुमति रामकृष्णन स्टार हैल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की चीफ क्लेम्स ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर हैं. आलेख में प्रस्तुत विचार उनके निजी हैं.)


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