Financial Planning: नए साल से पहले निपटा लें ये जरूरी काम, नहीं तो होगी परेशानी
कोरोना संकट के दौर में जरूरी है कि आप एक आर्थिक योजना बनाकर चले लेकिन उससे पहले आपको कुछ जरूरी काम निपटा लेने चाहिए.
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नया साल अब ज्यादा दूर नहीं है. नववर्ष से पहले आपको कुछ जरूरी काम जरूर निपटा लेने चाहिए नहीं तो आगे परेशानी हो सकती है. कोरोना संकट में यह बहुत जरूरी है कि आप आर्थिक योजना के तहत काम करें लेकिन उससे पहले के काम आपको निपटाने होंगे. हम आपको कुछ ऐसे ही जरूरी कामों के बारे में बता रहे हैं.
जरूर भरें आयकर रिटर्न नववर्ष से पहले अपना आयकर रिटर्न जरूर तय समयसीमा के बीच जरूर भर दें ताकि आपको जुर्माना न भरना पड़ें. व्यक्तिगत करदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा बढ़कर 31 दिसंबर 2020 हो गई है.
बीमा पॉलिसी इस कोविड-19 के चलते स्वास्थ्य और जीवन बीमा का महत्व बढ़ा है. अगर आपने भी बीमा कराया है तो यह चेक कर लें कि वह पर्याप्त है या नहीं. बड़े शहरों में रहने वाले लोगों को कम से कम पांच से 10 लाख रुपये तक का बीमा कराना चाहिए. जीवन बीमा की बात करें, तो यह सालाना आय का 10 से 20 गुना होना चाहिए.
क्रेडिट स्कोर अपना क्रेडिट स्कोर हमेशा बेहतर रखें. समय पर ईएमआई दें. क्रेडिट स्कोर खराब होने पर बैंक या फिर कोई भी वित्तीय कंपनी ऋण नहीं देती है. खराब क्रेडिट स्कोर के चलते क्रेडिट कार्ड भी नहीं बनता है. क्रेडिट स्कोर पर हमेशा नजर बनाए रखें.
लोन रिफाइनेंसिंग आपको लोन रिफाइनेंसिंग के बारे में सोचना चाहिए. इससे आप पर लोन का बोझ थोड़ा कम होगा और काफी पैसा भी बचेगा. इसके लिए आप अपने बैंक से कहें कि वे आपको कम दर पर लोन दें या जिस बैंक में सस्ती दर पर लोन मिल रहा है, उस बैंक में अपना लोन ट्रांसफर कराएं.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों को वित्तीय मदद देने के लिए सरकार और RBI ने छह महीनों के लिए लोन मोरेटोरियम (किस्तों में छूट) का विकल्प दिया था. वहीं इस दौरान सभी बैंकों ने भी लोन की दरें सस्ती की हैं.
नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था में एक चुनें
बजट 2020 में करदाताओं को इनकम टैक्स के मोर्चे पर राहत दी गई थी. बजट के दौरान नई टैक्स व्यवस्था का एलान किया गया. यह व्यवस्था वैकल्पिक है, आपके पास ऑप्शन है कि आप इस साल पुरानी टैक्स व्यवस्था के हिसाब से टैक्स भरेंगे या नई व्यवस्था के हिसाब से. इसका निर्णय आपको समयसीमा से पहले ही लेना होगा.
बता दें नई टैक्स व्यवस्था में पांच से 7.5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स रेट को घटाकर 10 फीसदी किया गया है. 7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वालों के लिए आयकर की दर 15 फीसदी कर दी गई है
10 से 12.5 लाख रुपये तक की आय वालों पर अब 20 फीसदी और 12.5 लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक की आय वालों पर 25 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. 15 लाख से ज्यादा की आय पर टैक्स रेट 30 फीसदी रहेगी.
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