स्नैपआईटी लोन, बबल लोन, गो कैश और फ्लिप कैश समेत दो दर्जन से अधिक चीनी लोन ऐप के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है. प्रवर्तन निदेशालय और राज्यों की सीआईडी टीम इन लोन ऐप के खिलाफ जांच शुरू करेंगी. ईडी और सीआईडी यूनिट्स ने रेजरपे समेत कई पेमेंट गेटवे से कहा है कि वे इन चीनी लोन ऐप्स के साथ ट्रांजेक्शन न करें.
'चीनी ऐप्स वाली फिनटेक कंपनियों के साथ डील न करें'
स्नैपआईटी लोन, बबल लोन, गो कैश और फ्लिप कैश समेत दो दर्जन ऐसे चीनी लोन ऐप्स मौजूद हैं. ये ऐप्स डायरेक्ट पेमेंट गेटवे से जुड़े हैं, जिससे उनकी ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग और पेमेंट की जांच नहीं हो पाती है. रेजरपे की तरह ही पेटीएम से भी कहा गया है कि वे इन चीनी ऐप्स वाली फिनटेक कंपनियों के साथ डील न करें.
पेमेंट गेटवे का बढ़ रहा था इन चीनी ऐप्स के साथ कारोबार
ईडी और कई राज्यों की सीआईडी ने पेमेंट गेटवे को नोटिस जारी कर कहा है कि वे चीनी कंपनियों की समर्थित लोन ऐप्स का लाइसेंस रद्द कर दें. उनकी कंपनियों के खिलाफ ऐसी कथित फर्जी कंपनियों के अकाउंट खोलने के मामले में जांच चल रही है. सूत्रों के मुताबिक कर्ज देने वाले 95 फीसदी ऐप पेमेंट गेटवे के तौर पर रेजरपे का इस्तेमाल करती हैं. रेजरपे पर 2019 की तुलना में कर्ज संबंधी गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं. 2019 में इसमें 51 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ था वहीं 2020 में इसमें 65 फीसदी का इजाफा हुआ था.
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