Fintech Companies: चीनी फंडिंग से चल रहीं कई फिनटेक कंपनियां, 940 करोड़ की अवैध कमाई
ED ने कहा कि कई फिनटेक कंपनिया व NBFC ने 940 करोड़ रुपये की काली कमाई की है. इन कंपनियों ने RBI के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर देश में लोगों को लूटा भी है.
Fintech Companies Startups: चीनी फंडिंग से भारत देश में कई फिनटेक कंपनियों ने पैर पसार लिए है. इनमें लगने वाला सारा पैसा चीन से आता है और ये भारत में अपनी जेड मजबूत करती जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दावे में कहा है कि कई फिनटेक कंपनिया व घरेलू गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) ने 940 करोड़ रु की काली कमाई की है. आपको बता दें कि इन कंपनियों ने देश में संचालन करते हुए RBI के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया और उधार देकर देश में लोगों को लूटा भी है.
मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच
ED ने दावा किया कि ये कंपनियां कुछ Chinese, Hong Kong में बैठे बड़े बड़े कारोबारियो के इशारों पर काम कर रहीं थीं. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में पाया है कि इन्होंने NBFC के साथ करार किया. इसको अवैध रूप से तत्काल कर्ज मुहैया कराने के धंधे में घुस गए. हाल ही में ईडी ने 86.65 करोड़ रु अटैच किए हैं. यह रकम कुल 155 बैंकों और Kudos Finance, Ace Money India Ltd., Rhino Finance Pvt. Ltd. and Pioneer Financial & Management Services Pvt. Ltd. जैसी फिनटेक कंपनियों के पेमेंट गेटवे में मिली थी. इस रकम को अटैच करने का अंतिम आदेश मनी लॉन्ड्रिंग संरक्षण कानून (Money Laundering Protection Law) की आपराधिक धाराओं के तहत जारी हुआ था.
इनएक्टिव कंपनियों से करार
ये एनबीएफसी 7 से 30 दिन के लिए पर्सनल लोन देती हैं. फिनटेक कंपनियां लोगों को उधार देने के लिए भारत की इनएक्टिव या निष्क्रिय कंपनियों से करार करती हैं. जिससे उनका लाइसेंस बचा रहे. ईडी ने पाया कि फिनटेक कंपनियों को रिजर्व बैंक RBI से एनबीएफसी का नया लाइसेंस नहीं मिल पाता है.
ग्राहकों को जोड़ना दिखावा
NBFC ने ऐसा दिखाया कि ग्राहकों को जोड़ने के लिए कंपनियों की सेवा ली है, जबकि आसानी से लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऐसा करती हैं. ईडी ने अब तक कुल 158.97 करोड़ रु जब्त किए हैं.
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