नई दिल्लीः अग्नि बीमा यानी फायर इंश्योरेंस के प्रीमियम में एक जुलाई से बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि इंश्योरेंस कंपनियां बीमा सूचना ब्यूरो द्वारा तैयार की गई रेफरल दरों के आधार पर अपने इंश्योरेंस प्रोडेक्ट्स की कीमतों में संशोधन कर सकती हैं. बीमा कंपनियां बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिये प्रीमियम में ज्यादा छूट देने से रोकने की कोशिश कर रही है जिससे रोकने के लिए इंश्योरेंस रेगुलेटर (इरडा) ये फैसला करने जा रहा है.
क्यों बढ़ाई जा रही हैं फायर क्लेम के प्रीमियम की दरें
ब्यूरो के मुताबिक इरडा ने भारतीय बीमा सूचना ब्यूरो -इंडियन इंश्योरेंस इंफॉर्मेशन ब्यूरो की सिफारिश के मुताबिक अलग-अलग ऑक्यूपेंसीज में अलग-अलग रेफरल दरें तैयार की हैं और 1 जुलाई से ये दरें लागू हो जाएंगी. इंश्योरेंस इनफार्मेशन ब्यूरो के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर कुणाल प्रेम ने कहा कि आग के लिये हमारी नई संदर्भ सूचना एक जुलाई से लागू होगी लेकिन यह बीमा कंपनियों के लिये अनिवार्य नहीं है. इसके पीछे मकसद यह है कि कंपनियों का फायर क्लेम प्रीमियम के अनुपात में होगा ताकि कंपनियों को नुकसान नहीं हो.
IRDA ने तय की हैं दरें
भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण-इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (इरडा) ने जो दरें तय की हैं उन आंकड़ों के आधार पर बीमा कंपनियां अपनी दरों में संशोधन कर सकती हैं. किसी एक ऑक्यूपेंसी में बेहतर एक्सपीरिएंस वाली कंपनियां अपने रेट्स का चुनाव कर सकती हैं. हालांकि फायर इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है क्योंकि इस बीमा के लिए दरें बढ़ाने की सिफारिशों को मंजूरी मिल चुकी है.
एसोचैम के इंश्योरेंस काउंसिल के प्रेसिडेंट और राष्ट्रीय बीमा के महाप्रबंधक के. बी. विजय श्रीनिवास ने बताया, "बीमा सूचना ब्यूरो विभिन्न ऑक्यूपेंसीज के लिए आंकड़े और रेफरल दर प्रदान करता है. उन्होंने कहा, हालांकि बीमा कंपनियों के लिए ब्यूरो द्वारा सुझाई गई रेफरेंस दरों को मानना अनिवार्य नहीं है.