First Home Buying Plan: अपना घर खरीदना (Dream Home) हर किसी के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पड़ावों में से एक होता है. लोग इसके लिए सालों से पैसे जोड़ते हैं और तब जाकर सपनों का घर खरीद पाते हैं. अपना घर खरीदना खासकर पहला घर खरीदना भावनात्मक फैसला होता है. बार-बार किराये का घर बदलने का झंझट, हर महीने किराये के रूप में अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा देना और कुछ मानसिक वजहें लोगों को घर खरीदने के लिए प्रेरित करती हैं. हालांकि भावना से जुड़े होने के बाद भी यह वित्तीय रूप से काफी अहम फैसला है. इसी कारण कहा जाता है कि सिर्फ भावनाओं में बहकर घर खरीदने का फैसला नहीं लेना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले यह देखना चाहिए कि आपकी जेब तैयार है या नहीं.
घर लेने से पहले जेब चेक करना जरूरी
दरअसल घर खरीदने में मोटी रकम की जरूरत होती है और ज्यादातर लोगों को इसके लिए होम लोन (Home Loan) लेना पड़ जाता है. होम लोन लंबी अवधि का कर्ज होता है और इसकी ईएमआई (Home Loan EMI) भी ठीक-ठाक होती है. ऐसे में सबसे पहले यह देखना जरूरी है कि आप लंबी वित्तीय जिम्मेदारी उठाने के लिए किस हद तक तैयार हैं. कहीं ऐसा न हो कि भावनाओं में बहकर या दोस्तों की देखा-देखी खरीद कर आप Debt Trap यानी कर्ज के जाल में फंस जाएं. आइए जानते हैं कि यह अहम फैसला लेने से पहले अपनी जेब को कैसे चेक करें...
ध्यान रखें पर्सनल फाइनेंस का यह नियम (Personal Finance Thumb Rule)
पर्सनल फाइनेंस का एक बेसिक नियम है, 50:30:20. इसका मतलब हुआ कि आप अपनी इन हैंड सैलरी (In-Hand Salary) का 50 फीसदी हिस्सा जरूरत की चीजों पर खर्च करें. इनमें यूटिलिटी बिल, रेंट, EMI, ग्रॉसरी की खरीदारी आदि शामिल हैं. इसके बाद वेतन का 20 फीसदी हिस्सा कहीं इन्वेस्ट करना चाहिए. अब जो 30 फीसदी हिस्सा बचता है, उन्हें अन्य गैरजरूरी खर्चों के लिए रखें. कोई भी लोन लेते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपकी सारी EMI सैलरी के 30 फीसदी से ज्यादा नहीं हो पाए, वर्ना बाद में आपको पछताना पड़ सकता है.
इस उदाहरण से समझें गणित
मान लीजिए कि आपकी टेक होम सैलरी (Take Home Salary) 01 लाख रुपये है. इसमें से 50 हजार रुपये आप जरूरी खर्चों के लिए रखेंगे. इसी 50 हजार रुपये से आपको घर की ईएमआई का भी भुगतान करना होगा. चूंकि आपकी सैलरी 01 लाख रुपये है, इस हिसाब से आपकी कुल ईएमआई 30 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. 20 हजार रुपये कहीं इन्वेस्ट करेंगे, जबकि बाकी के बचे 30 हजार रुपये को अन्य खर्चों के लिए रखा जाएगा. अब अगर आप 30 हजार रुपये के आसपास की EMI भर सकते हैं, तो आपका होम लोन 20 साल के लिए 35 लाख रुपये, 25 साल के लिए 38 लाख रुपये और 30 साल के लिए 40 लाख रुपये से ज्यादा का नहीं होना चाहिए.
इसे नीचे दिए गए चार्ट से समझें:
होम लोन (रुपये) ब्याज दर (%) अवधि (वर्ष) ईएमआई (प्रति माह)
35 लाख 8.65 20 30,707
38 लाख 8.65 25 30,984
40 लाख 8.65 30 31,183
(Credit- HDFC Home Loan Calculator)
घर खरीदने में होते हैं ये भी खर्चे
आमतौर पर बैंक घर की कीमत के 80 से 90 फीसदी के बराबर रकम का होम लोन देते हैं. बाकी रकम का इंतजाम खुद करना पड़ता है. अगर आप 50 लाख रुपये का घर लेते हैं, तो डाउन पेमेंट के लिए 10 लाख रुपये आपके पास होने चाहिए. एक लाख रुपये की आमदनी के हिसाब से 40 लाख रुपये तक का लोन लेना ठीक रहेगा. इससे ज्यादा का लोन लेने पर आपकी EMI बढ़ जाएगी और दूसरे खर्च कम करने होंगे. आप जितना ज्यादा डाउन पेमेंट करेंगे, आपके लोन की ईएमआई उतनी कम होगी. एक और बात का ध्यान रखना जरूरी है. घर खरीदने में स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज जैसे दूसरे खर्च भी होते हैं. इनके लिए पर्सनल लोन लेने से बचें. पर्सनल लोन लेकर ये काम करने से आपके ऊपर दोहरी ईएमआई का बोझ पड़ेगा.
अंत में सबसे जरूरी बात. कोई भी कर्ज हो, उसे लेते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि हर महीने आपको ईएमआई का भुगतान करना है. बिना सही से कैलकुलेट किए लोन लेने पर ईएमआई का बोझ ज्यादा हो सकता है, जिसके कारण आपको अन्य जरूरी खर्चों में कटौती करने की नौबत आ सकती है, जो बाद में आपके लिए मानसिक परेशानी का कारण बन सकता है.