India's Fiscal Deficit: वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) में गिरावट आई है. FY2021-22 में फिस्कल डेफिसिट सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 6.71 फीसदी रहा है जो 6.9 फीसदी के संशोधित बजट अनुमान से कम है. मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकडों के मुताबिक, सरकार ने पहले इसके 6.8 फीसदी रहने का पूर्वानुमान जताया था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया गया था.


राजकोषीय घाटा 15,86,537 करोड़ रहा
महालेखा नियंत्रक (Controller General of Accounts) की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए वास्तविक रूप में राजकोषीय घाटा 15,86,537 करोड़ रुपये रहा है जो जीडीपी का 6.7 फीसदी है.


बजट में सीतारमण ने दी थी जानकारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने गत एक फरवरी को वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते समय अनुमान जताया था कि वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 15,91,089 करोड़ रुपये यानी जीडीपी का 6.9 फीसदी रहेगा. आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 के अंत में राजस्व घाटा 4.37 फीसदी रहा. 


राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) क्या होता है?
सरकार की कुल खर्च और कमाई के बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा करते हैं. सरकार सारे खर्चों को पूरा करने के लिए कितना पैसा उधार लेगी वह राशि ही राजकोषीय घाटा कहलाती है. राजकोषीय घाटे के जरिए देश की आर्थिक स्थिति के बारे में पता चलता है. इसके अलावा स्टॉक मार्केट और रेटिंग एजेंसियों की इस आंकड़े पर नजर होती है. 


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