PMFBY Scheme: फसल बीमा योजना के क्लेम में आई 48 फीसदी की गिरावट, जानिए क्या है कारण
PMFBY Yojana: वित्तीय वर्ष 2021-22 में केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के माध्यम से भुगतान किए कुल क्लेम में 48.77 फीसदी की कमी आई है.
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के फायदे के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) चलाई जा रही है. इस स्कीम में सरकार किसानों की फसलों को बीमा कवर (PMFBY) की सुविधा देती है. फसल बीमा योजना के क्लेम में 48 फीसदी की गिरावट आई है.
क्या कहते है आंकडे़
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 में आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी के बावजूद, पीएमएफबीवाई के माध्यम से कुल क्लेम किए भुगतान में 48.77 फीसदी की कमी देखी गई है. इसी दौरान 8.32 करोड़ बीमा क्लेम के एवज में 13,728.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. यह राशि 2020-21 में 6.23 करोड़ आवेदनों के लिए भुगतान किए 20,425.01 करोड़ रुपये से कम है.
कई राज्यों में हुई भारी बारिश
मालूम हो कि, इस साल देश के कई राज्य जैसे ओडिशा, महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब में बहुत ज्यादा बारिश हुई है. वहीं देश के कुछ और राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में भी बहुत ज्यादा बारिश हुई है. इस कारण किसानों की फसल जैसे धान, दलहन आदि को काफी नुकसान हुआ है. अगर मौसम की मार या किसी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल बर्बाद हो जाती है, तो सरकार किसानों को इसका मुआवजा देती है. इससे किसानों को मुसीबत के समय आर्थिक सहायता मिल जाती है.
मल्टी-एजेंसी से बीमा लागू
PMFBY वेबसाइट के मुताबिक, पीएमएफबीवाई केंद्रीय कृषि मंत्रालय और राज्य सरकारों के गाइडेंस में इंपैनल्ड बीमा कंपनियों द्वारा एक मल्टी-एजेंसी फ्रेमवर्क के माध्यम से लागू किया है. किसी राज्य के लिए लागू करने वाली कंपनी का चयन उसकी सरकार द्वारा एक बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया है. किसानों की मदद के लिए पीएमएफबीवाई योजना का इस्तेमाल बीमा कंपनियों द्वारा मुनाफा कमाने के लिए किया है. रबी और खरीफ दोनों की फसलों के लिए 2021 के लिए ग्रॉस प्रीमियम 28,288.31 करोड़ रुपये रहा था.
क्या है फसल बीमा योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान साल 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी. इस योजना को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों या किसी भी तरह से फसल के खराब होने की स्थिति में इंश्योरेंस कवर देने के लिए लाया गया था. जिससे किसानों को आर्थिक घाटे की भरपाई कराई जा सके. इस योजना का लाभ फसल उगाने वाले पट्टेदार, जोतदार किसानों सहित सभी किसान उठा सकते हैं.
योजना में बदलाव के आसार
वही दूसरी ओर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव होने के आसार जताए जा रहे है. नवंबर महीने में कृषि सचिव मनोज आहूजा ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी थी. आहूजा ने कहा था कि हाल के जलवायु संकट और टेक्नोलॉजी के तेजी से विकास के मद्देनजर सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के फायदे के लिए बदलाव करने को तैयार है.
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