नई दिल्ली: एबीपी न्यूज़ सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिल्ली में आज केंद्र सरकार की एक सक्षम कमेटी की बैठक में पाँच राज्यों के वित्त मंत्रियों ने हिस्सा लिया. अन्य मुद्दों के अलावा इन राज्यों की मुख्य समस्या जीएसटी के कंपनसेशन की थी. इन राज्यों में पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और केरल शामिल थे.
क्यों ख़राब है आर्थिक हालत
इन राज्यों का कहना था कि इन्हें जीएसटी का कंपनसेशन क़रीब तीन माह से नहीं मिला है जिसकी वजह से इन राज्यों की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब हो चुकी है.
क्या तय हुआ था केंद्र और राज्यों के बीच
दरअसल जीएसटी लागू होने के बाद ये तय हुआ था कि जिन राज्यों को इससे पहले की अपेक्षा कुल टैक्स कलेक्शन रेवेन्यू में नुक़सान होगा उन्हें केंद्र सरकार हर महीने कंपनशेशन देगी. लेकिन बाद में ये दो महीने पर मिलने लगा और इस बार इन राज्यों को क़रीब तीन महीने से ये भुगतान नहीं हुआ है.
कितना बकाया देना है सरकार को
पंजाब को दो महीना बीस दिन का क़रीब सवा चार हज़ार करोड़ रूपया बकाया केंद्र सरकार से नहीं मिला है. सभी राज्यों को मिलाकर कुल क़रीब तीस हज़ार करोड़ रुपया केंद्र सरकार को इन राज्यों को देना है.
क़र्ज़ लेने की कगार पर आ गए हैं राज्य
इन राज्यों का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति ख़राब है. हालत ये है कि उन्हें रोज़मर्रा के खर्चे चलाने में भी दिक्कत हो रही है. इन राज्यों का कहना है किअगर जल्द ही केंद्र सरकार ने उन्हें ये बकाया राशि न दी तो उन्हें दस या ग्यारह प्रतिशत की दर से क़र्ज़ लेना पड़ेगा.
पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के अनुसार पंजाब की जेलों में कुछ ही दिन का राशन है और पुलिस का ख़र्च उठाने के लिए भी पैसे कम हैं. इसी तरह की हालत अन्य ख़र्चों को लेकर भी है.