Flight Ticket Price: गो फर्स्ट संकट (Go First Crisis)  के बाद से मई और जून के महीने में फ्लाइट्स के किराये में जबरदस्त बढ़ोतरी (Air Fare Price) दर्ज की गई है. फ्लाइट्स के किराये में तेजी से बढ़ोतरी के बाद नागर विमानन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) ने एयरलाइंस कंपनी के लिए कुछ एडवाइजरी जारी किया था. इसके बाद जुलाई के महीने में एयर फेयर (Airfare) में कुछ कमी देखी गई है. इसके बाद से कयास लगाए जाने लगे थे कि सरकार हवाई किराये को रेगुलेट कर सकती है. अब इसे लेकर नागर विमानन मंत्रालय द्वारा जवाब मिला है.


ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही यह बात


इस मामले पर जानकारी देते हुए नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कहा है कि फ्लाइट्स के मौजूदा दाम पर सरकार किसी तरह का रेगुलेशन नहीं करेगी. हवाई किराया केवल एयरलाइंस कंपनियों द्वारा तय किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि सरकार मौजूदा फ्रेमवर्क में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगी.


सदन में दी जानकारी


हवाई किराया पर रेगुलेशन के ऊपर पर लोकसभा में सवाल पूछे जाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि फ्लाइट्स के रेट पर सरकार का कोई दखल नहीं होगा. फ्लाइट पर कितना टैरिफ लगेगी और कितना किराया होगा यह सब कुछ तय करने का अधिकार एयरलाइंस कंपनी को है. ध्यान देने वाली बात ये है कि टैरिफ को तय करते वक्त एयरलाइंस कंपनी अपने प्रॉफिट, सर्विस और लागत सभी चीजों का ध्यान रखती है. 


इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि देश में अपने फ्लाइट्स का संचालन करने के लिए एयरलाइंस कंपनी को एयरक्राफ्ट रूल्स, 1937 का पालन करना पड़ेगा. इसके साथ ही सरकार ने यह भी बताया है कि कीमतों को बेहतर ढंग से रेगुलेट करने के लिए सरकार ने DGCA को मॉनिटर करने के लिए कहा है, मगर टिकटों की कीमतों को तय करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है.


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