Binny Bansal Startup: छोटे शहरों पर फोकस करेगा फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर बिन्नी बंसल का नया AI स्टार्टअप
AI startup of Binny Bansal : फ्लिपकार्ट (Flipkart) के को-फाउंडर बिन्नी बंसल की नई कंपनी AI के क्षेत्र में काम करेगी. यह स्टार्टअप छोटे शहरों से सेवाएं ऑफर करेगा.
फ्लिपकार्ट (Flipkart) के को-फाउंडर बिन्नी बंसल AI स्टार्टअप लॉन्च करने की तैयारी में हैं. उनकी नई कंपनी पूरी दुनिया में AI टैलेंट, प्रोडक्ट और सर्विसेज ऑफर करेगी. इसके लिए उन्होंने 15 लोगों की एक टीम भी बना ली है. स्टार्टअप का ऑफिस बेंगलुरु और हेडक्वार्टर सिंगापुर में होगा. हालांकि, ब्लूमबर्ग के अनुसार इस नए स्टार्टअप का फोकस छोटे शहर होंगे. टीसीएस और इंफोसिस से इतर उनकी कंपनी बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे टेक हब की जगह छोटे शहरों पर फोकस करेगी. उनका स्टार्टअप छोटे शहरों से टैलेंट ट्रेनिंग और सेवाएं ऑफर करेगा. इन शहरों में कॉस्ट ऑफ लिविंग काफी कम होती है.
वॉलमार्ट को बेचकर स्टार्टअप में लगाने लगे थे पैसा
बिन्नी और सचिन बंसल ने मिलकर फ्लिपकार्ट को खड़ा किया था. उन्होंने अपनी पूरी हिस्सेदारी वॉलमार्ट को बेचकर टेक स्टार्टअप में निवेश करना शुरू कर दिया था. उन्होंने फोनपे, क्योरफूड्स, एको, एथर एनर्जी, युलु, रुपेक और अनएकेडमी जैसी कंपनियों में निवेश किया है।
छोटे शहर के स्टार्टअप कर रहे कमाल
हाल के दिनों में देश की टेक इंडस्ट्री में बहुत बदलाव आया है. चेन्नई स्थित सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनी जोहो (Zoho) ने ऐसा ही प्रयोग किया था. उन्होंने अपने इंजीनियरों को छोटे शहरों में पोस्टिंग दी. कंपनी में लगभग 12 हजार कर्मचारी हैं. कंपनी अपने ऑफिसों के लिए हब एंड स्पोक मॉडल का पालन करती है. हब ऑफिसों में 1000 तक कर्मचारी आ जाते हैं और स्पोक ऑफिस 100 एम्प्लॉई ही हैंडल कर पाते हैं. जोहो के फिलहाल पांच हब और 30 स्पोक ऑफिस हैं.
कर्मचारियों को होता है फायदा
टियर-2 और 3 शहरों में काम कर रहे कर्मचारियों को कॉस्ट ऑफ लिविंग का फायदा मिलता है और ट्रैफिक जैसी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ता है. साथ ही उन्हें वर्क लाइफ बैलेंस बनाने में भी आसानी होती है.
26 टियर-2 शहर बने हैं टेक्नोलॉजी हब
बेंगलुरु देश का पहला टेक हब था. इसके बाद यह लहर दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, मुंबई और पुणे में भी पहुंची. ताजा रिपोर्ट के अनुसार 26 टियर-2 शहर भविष्य में टेक कंपनियों के रडार पर हैं. यहां काम करने वाले लोग ज्यादा समय तक कंपनी से ही जुड़े रहते हैं.
यह भी पढ़ें