शेयर बाजार में निवेश करने वाले आम लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. लगातार आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं कि खुदरा निवेशक पारंपरिक निवेश विकल्पों के ऊपर शेयर बाजार को तरजीह दे रहे हैं. इस बात से बाजार के विभिन्न भागीदार जहां खुश हैं, वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की चिंता इसके चलत बढ़ी हुई है.


बाजार के इस ट्रेंड ने किया परेशान


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रमुख शेयर बाजार बीएसई के एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रही थीं. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बाजार के नए ट्रेंड पर अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा भारतीय अब शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं, जिससे उनकी बचत और कमाई पर जोखिम बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों की बचत (हाउसहोल्ड सेविंग) को सुरक्षित बनाने के उपायों की जरूरत है.


इस कारण पैदा हो सकता है खतरा


वित्त मंत्री की चिंता शेयर बाजार में भी खास तौर पर डेरिवेटिव सेगमेंट यानी फ्यूचर एंड ऑप्शंस में पैसे लगाने वालों के लिए है. वह कहती हैं- अगर फ्यूचर एंड ऑप्शंस बाजार के खुदरा कारोबार में कोई अनियंत्रित विस्फोट होता है तो उससे बाजार, निवेशकों की धारणा और हाउसहोल्ड फाइनेंस सभी के लिए भविष्य की चुनौतियां पैदा हो सकती हैं. वित्त मंत्री ने बीएसई से आह्वान किया कि वह खुदरा निवेशकों के पैसे को सुरक्षित बनाने के लिए सेबी के साथ मिलकर काम करे.


सेबी भी जाहिर कर चुका है चिंता


यह पहली बार नहीं है, जब फ्यूचर एंड ऑप्शंस को लेकर शीर्ष स्तर पर चिंताएं व्यक्त की गई हों. बाजार नियामक सेबी खुद एफएंडओ सेगमेंट में बढ़ती खुदरा भागीदारी को लेकर चिंताएं जाहिर कर चुका है. सेबी फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में निवेशकों की सुरक्षा के लिए विभिन्न पहलों पर भी काम कर रहा है. उनमें निवेशकों को जागरूक करने के प्रयास भी शामिल हैं.


रिटेलर्स को हो रहा इतना नुकसान


आंकड़े बताते हैं कि फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में ज्यादातर खुदरा निवेशक नुकसान ही उठाते हैं. सेबी की एक स्टडी में पिछले साल पता चला था कि शेयर बाजार मं डेरिवेटिव सेगमेंट में हर 10 में से 9 खुदरा निवेशक नुकसान उठा रहे हैं. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 89 फीसदी खुदरा निवेशकों को फ्यूचर एंड ऑप्शंस ट्रेड में औसतन 1.1 लाख रुपये का नुकसान हुआ.


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