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GST से एक टैक्स, एक देश और एक ही बाजार होगा, आर्थिक विकास दर बढ़ेगीः वित्त मंत्री
नई दिल्लीः संसद भवन के सेंट्रल हॉल में रात 11 बजे जीएसटी लॉन्च कार्यक्रम को शुरू करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश में नया इतिहास बनाने की शुरुआत हो चुकी है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने संबोधन में कहा कि आज आधी रात से हम देश का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म लॉन्च कर रहे हैं. जीएसटी ऐसे दौर में आ रहा है जब दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है. जीएसटी से एक टैक्स, एक देश और एक ही बाजार होगा और देश की आर्थिक विकास दर में बढ़त होगी. जीएसटी की विशेषता है कि अलग-अलग टैक्स के ऊपर टैक्स नहीं लगेगा.
जीएसटी काउंसिल की तारीफ की
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी लागू होने से जिस नई यात्रा की शुरुआत हुई है उसमें कई लोगों का योगदान रहा है. जीएसटी काउंसिल के सदस्य जो अलग-अलग राज्यों के वित्तमंत्री हैं उन्होंने रात-दिन इसके लिए मेहनत की है. 1 जुलाई के तय समय पर जीएसटी लागू करने में सफल रहने के लिए उनका बहुत धन्यवाद है. जीएसटी काउंसिल की जिम्मेदारी थी कि केंद्र और राज्य के लिए नियम बनाए. काउंसिल 18 बार मिल चुकी हैं लेकिन वोट कराने की स्थिति नहीं आई जो ये साफ दिखाता है कि सदस्यों के बीच देश को नए टैक्स सुधार देने के लिए कितनी ज्यादा प्रतिबद्धता थी. अब तक काउंसिल के 24 फैसलों के तहत 1211 सामानों पर टैक्स तय हुआ है. सरकार का एक ही लक्ष्य था कि आम आदमी पर ज्यादा बोझ ना दिया जाए और साथ ही राज्य-केंद्र सरकार के टैक्स कलेक्शन से आने वाले रेवेन्यू पर भी कोई नकारात्मक असर ना आए.
प्रणब मुखर्जी से जीएसटी का गहरा नाता
अरुण जेटली ने इस बात की तरफ इशारा किया कि 15 साल पहले जीएसटी की प्रक्रिया शुरु होने से लेकर इसके आज लागू होने तक के सफर को राष्ट्रपति महोदय ने देखा है. आज इस एतिहासिक दिन राष्ट्रपति खुद इसे लॉन्च कर रहे हैं जो हम सबके लिए गौरव का क्षण है.
देश की संघीय एकता का उदाहरण
जीएसटी की परिकल्पना 'एक देश, एक टैक्स' के जरिए राष्ट्र के हित में पूरा देश एक साथ आया है. इस सिस्टम को पास करने में जिस तरह केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर काम किया है वो हमारे महान देश के संघीय ढांचे का उदाहरण है. एनडीए 1 ने 2003 में जीएसटी की दिशा में पहला कदम बढ़ाते हुए रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद 2006 के बजट में यूपीए सरकार ने घोषणा की थी कि 2010 में इसे लागू किया जाएगा. उस दौरान वित्तमंत्री ने इसे सबके सामने रखा था, और संविधान में संशोधन हुआ था.
जीएसटी के सर्वमान्य फायदे
17 ट्रांजेक्शन टैक्स और 23 सेस को समाप्त कर अब सिर्फ एक टैक्स जीएसटी लागू कर दिया गया है. इसके बाद अब सिर्फ एक ही रिटर्न दायर करना होगा. जीएसटी लागू होने से महंगाई तो कम होगी ही लोगों के लिए जटिल टैक्स और टैक्स रिटर्न की परेशानी खत्म होगी. जीएसटी की विशेषता है कि इससे टैक्स पर टैक्स नहीं लगेगा और देश भर के चुंगी नाकों पर ट्रकों की भीड़ नहीं लगेगी. इससे टैक्स की चोरी मुश्किल होगी, देश की जीडीपी भी बढ़ेगी. राज्य और केंद्र को इससे जो भी फायदा होगा उससे गरीबों की मदद की जा सकेगी
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अवधेश कुमार, राजनीतिक विश्लेषकJournalist
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