Digital Rupee और क्रिप्टोकरेंसी पर वित्तमंत्री ने दी बड़ी जानकारी, जानें क्या करें निवेशक?
Digital Currency: ‘डिजिटल रुपया’ लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है.
Digital Rupees: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) के स्पष्ट लाभ हैं और ‘डिजिटल रुपया’ लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है. इंडिया ग्लोबल फोरम के वार्षिक शिखर सम्मेलन पर सीतारमण ने इस बारे में जानकारी दी है.
इस साल मुद्रा लाने की है उम्मीद
सीतारमण ने संबोधित करते हुए डिजिटल रुपये पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह केंद्रीय बैंक- भारतीय रिजर्व बैंक की सलाह से सोच-समझकर किया गया फैसला है. हम चाहते हैं कि वे इसे जिस तरह से लाना चाहें, उस तरह डिजाइन करें, लेकिन हम केंद्रीय बैंक से इस साल मुद्रा लाने की उम्मीद करते हैं.’’
डिजिटल मुद्रा के बाद मिलेगें कई फायदे
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित डिजिटल मुद्रा के स्पष्ट लाभ हैं, क्योंकि आज के दौर में देशों के बीच होने वाले थोक भुगतान, संस्थानों के बीच बड़े लेनदेन और प्रत्येक देश के केंद्रीय बैंकों के बीच बड़े लेनदेन, ये सभी डिजिटल मुद्रा के जरिये बेहतर ढंग से हो सकते हैं.’’
क्रिप्टो पर सरकार लेगी फैसला
क्रिप्टो क्षेत्र को विनियमित करने के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि हितधारकों से परामर्श के बाद सरकार इस बारे में फैसला करेगी.
क्रिप्टो को लेकर जानें क्या बोली वित्तमंत्री
उन्होंने कहा, ‘‘परामर्श जारी है... इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति का सुझाव देने के लिए स्वागत है. परामर्श की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंत्रालय इसपर विचार करेगा. हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम किसी कानूनी अनिवार्यता से परे नहीं जा रहे हैं उसके बाद हम इसपर अपना रुख सामने लाएंगे.’’ यह पूछने पर कि क्या वह भारत में क्रिप्टो के लिए भविष्य देखती हैं, उन्होंने कहा, ‘‘कई भारतीयों ने इसमें अत्यधिक संभावनाएं देखी हैं और इसलिए मुझे इसमें राजस्व की गुंजाइश दिखाई देती है.’’
बजट में किया ये ऐलान
आपको बता दें हाल ही में पेश किए गए आम बजट के बारे में सीतारमण ने कहा कि बजट में ‘अमृत काल’ का उल्लेख अधिक से अधिक डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के संबंध में है. उन्होंने कहा कि इस बजट में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (DBU) की घोषणा की गई है. सीतारमण ने कहा कि भारत को इनकी जरूरत है, क्योंकि आजादी के 75 वर्षों में एक राष्ट्रीयकृत बैंकिंग नेटवर्क के बावजूद बैंकिंग और वित्तीय समावेशन पूरा नहीं हो सका.
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