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FMCG कंपनियां इस तरह चला रही हैं कंज्यूमर की जेब पर कैंची, जागरुक ग्राहक बनकर बचाएं अपना पैसा

हम आपको एफएमसीजी प्रोडक्ट्स के बारे में ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताएंगे क्योंकि ये आपको रोजमर्रा के इस्तेमाल से जुड़ी हैं.

नई दिल्लीः एफएमसीजी प्रोडक्ट्स यानी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स प्रोडेक्ट हम सबकी रोजमर्रा की जरूरत में काम आते हैं. हालांकि क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि इन प्रोडक्ट्स के दाम लगातार बढ़ते रहते हैं और कंपनियां इसकी कोई जानकारी भी आपको नहीं देती. यहां पर हम आपको एफएमसीजी प्रोडक्ट्स के बारे में ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताएंगे क्योंकि ये आपको रोजमर्रा के इस्तेमाल से जुड़ी हैं.

एफएमसीजी प्रोडक्ट्स वो होते हैं जिन्हें तुलनात्मक रूप से कम कीमत पर बेचा जाता है लेकिन इनके ज्यादा मात्रा या संख्या में बेचे जाने के कारण इन पर कंपनियों को अच्छा खासा मुनाफा होता है. कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स, साबुन, सौंदर्य प्रसाधन, दाँतों की सफाई के प्रोडक्ट्स, और डिटर्जेंट के साथ ही अन्य नॉन ड्यूरेबल्स गुड्स जैसे काँच का सामान लाइट बल्ब, बैटरी, कागज और प्लास्टिक के प्रोडक्टस वगैरह भी इसमें शामिल हैं.

कैसे कट रही है धीरे-धीरे आपकी जेब आमतौर पर लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते कि एफएमसीजी प्रोडक्ट्स की कीमतें लगातार बढ़ती रहती हैं और इनकी कीमतों के लिए कंपनियां कोई नोटिस आदि भी जारी नहीं करती हैं कि फलां तारीख से फलां उत्पाद के दाम बढ़ने वाले हैं. बस एक तारीख पर आप डिटर्जेंट, साबुन, टूथपेस्ट, डिशवॉश बार या लिक्विड खरीदें और अगली तारीख पर जाएंगे तो आपको अधिकांश प्रोडक्ट्स के दाम बढ़े हुए मिलेंगे. ऐसा आपने भी कई बार अनुभव किया होगा कि किसी उत्पाद को लगातार खरीदने पर आप उसके लिए ज्य़ादा कीमत दे रहे हैं.

कंपनियां दूसरे रास्ते भी अपनाती हैं कई बार कंपनियां दाम नहीं बढ़ाती हैं तो उत्पाद के साइज में कटौती कर देती हैं और आपको इसका अहसास तक नहीं हो पाता है. उदाहरण के लिए चाय की पत्ती के पैकेट के दाम तो वही रहेंगे लेकिन उसके साइज में कमी हो जाएगी. इसी तरह साबुन के दाम समान रखकर कंपनियां उसके साइज में कटौती कर देती हैं. इस तरह भी आपकी जेब पर एफएमसीजी कंपनियां पर कैंची चलाती हैं.

कैसे आप इसके निगेटिव असर से बच सकते हैं आपको ऐसे उत्पाद चुनने चाहिए जिनसे आपको संतुष्टि तो मिलती हो और इनके साथ ही साथ इनके दाम में भी ज्यादा बदलाव न होता हो. कंपनियां ग्राहकों के खरीदारी के पैटर्न पर निगाह रखती हैं और जब देखती हैं कि उपभोक्ता किसी विशेष उत्पाद या ब्रांड को खासकर खरीद रहा है तो उसके दाम में इजाफा कर देती हैं. यहां अर्थशास्त्र का डिमांड और सप्लाई का फॉर्मूला अपनाया जाता है. लिहाजा आप खरीदारी के लिए किसी एक ब्रांड पर ही निर्भर न रहें. अपनी जरूरत के लिहाज से अच्छे 4-5 ब्रांड चुन लें और उनमें खरीदारी की विविधता को अपनाते रहें.

हालांकि ये एफएमसीजी कंपनियों का हक है कि वो पूरी तरह से अपने हिसाब से कीमतें घटा-बढ़ा सकती हैं और ग्राहकों का इस पर कोई जोर भी नहीं हो सकता है. हालांकि इसके साथ ही ग्राहकों को थोड़ा जागरुक रहना चाहिए कि वो जो उत्पाद खरीद रहे हैं उसकी कीमतें बेतहाशा तो नहीं बढ़ रही हैं. अगर ऐसा हो रहा है तो तुरंत अपने खरीदारी के ब्रांड को बदल दें. इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान रखें कि कंपनी ने आपके प्रोडक्ट के साइज में तो कटौती नहीं कर दी है. अगर ऐसा हो रहा है तो भी आपको ब्रांड स्विच करने की सलाह दी जा रही है.

ये खबर एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.

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