Soap Prices Cut: त्योहारी सीजन में FMCG कंपनियों ने साबुनों के दाम घटाए, इतने सस्ते होंगे आपके पसंदीदा साबुन
Soap Prices Cut: लोगों के रोजाना काम में आने वाला साबुन अब सस्ता मिलेगा क्योंकि देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनियों ने साबुन के दाम में कटौती कर दी हैं. जानें अब आपको कितना सस्ता मिलेगा साबुन.
Soap Prices Cut: इस त्योहारी सीजन में आम ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि FMCG कंपनियों ने साबुन के दाम में कटौती कर दी है. रोजाना काम आने वाली वस्तु साबुन के दाम कम होने से आम जनता के घर के बजट में कुछ बचत देखी जाएगी.
FMCG कंपनियों ने साबुनों के दाम घटाए
रोजाना के उपयोग की वस्तुएं बनाने वाली (एमएफसीजी) कंपनियों हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) ने कच्चे माल की कीमतें घटने से साबुन के कुछ ब्रांड के दामों में 15 फीसदी तक की कटौती की है.
जानें कितने सस्ते हुए लाइफबॉय और लक्स ब्रांड के साबुन
एचयूएल ने लाइफबॉय और लक्स ब्रांड के तहत पश्चिमी क्षेत्र में की जाने वाली अपनी साबुन रेंज में पांच से 11 फीसदी की कटौती की है. वहीं गोदरेह समूह की कंपनी जीसीपीएल ने साबून के दाम 13 से 15 फीसदी घटाए हैं.
गोदरेज के साबुनों की कीमत इतनी हुई कम
जीसीपीएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी समीर शाह ने कहा, "कमोडिटी की कीमतों में कमी आई है और जीसीपीएल उन एफएमसीजी कंपनियों में पहली है जिन्होंने दाम में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया है." उन्होंने कहा, "विशेषकर साबुनों के लिए जीसीपीएल ने दामों में 13 से 15 फीसदी की कटौती की है. गोदरेज नंबर वन के पांच साबुनों के एक पैकेट की कीमत 140 रुपये से घटाकर 120 रुपये कर दी गई है."
HUL ने क्या कहा
एचयूएल के प्रवक्ता ने कहा, "पश्चिमी क्षेत्र में लाइफबॉय और लक्स के दामों में कटौती की गई है." हालांकि सर्फ, रिन, व्हील और डव जैसे अन्य ब्रांड के दामों में कटौती की खबरों से उन्होंने इनकार किया. एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज में कार्यकारी उपाध्यक्ष अबनीश रॉय ने कहा कि बीते एक साल में एचयूएल की बिक्री दामों में इजाफे के कारण प्रभावित हुई लेकिन अब इसका उलटा हो रहा है. ऐसे में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है.
क्या कहते हैं जानकार
वित्तीय जानकारों का कहना है कि दामों में कटौती से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बिक्री में बढ़ोतरी देखी जाएगी, खासकर जब ऊंची महंगाई दर की वजह से कुल मांग कमजोर है. उन्होंने कहा कि दाम घटाने के पीछे पाम तेल और अन्य कच्ची सामग्री की ग्लोबल कीमतों में कमी आना प्रमुख कारण है.
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