(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
FMCG Companies: एफएमसीजी कंपनियों को सितंबर तिमाही से मार्जिन से मिली ताकत, ग्रामीण सेक्टर में वापसी की उम्मीद
FMCG कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में अपनी बिक्री में मूल्य आधारित वृद्धि दर्ज की है.
FMCG Companies Expect Margin Improvement: देश के एफएमसीजी सेक्टर (FMCG Sector) को चालू वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में कुछ सुधार हुआ है. बताया जा रहा है कि तीसरी तिमाही के मार्जिन में सुधार के साथ ग्रामीण बाजार से वापसी की उम्मीद जाग उठी है. अब एफएमसीजी क्षेत्र को त्योहारी सीजन की शुरुआत और ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे मानसून तथा फसल कटाई के साथ सुधार की उम्मीद है.
मूल्य आधारित हुई वृद्धि
FMCG कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में अपनी बिक्री में मूल्य आधारित वृद्धि दर्ज की है. कुछ श्रेणियों में ब्रिटानिया, डाबर और नेस्ले जैसी एफएमसीजी कंपनियों ने भी बिक्री में वृद्धि दर्ज की है.
मैरिको ने क्या कहा
बीती तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे में भारत की मल्टीनेशनल कंज्यूमर गुड्स कंपनी मैरिको लिमिटेड (Marico Limited) का कहना है कि, "खुदरा मुद्रास्फीति स्थिर रहने के कारण एफएमसीजी क्षेत्र में लगातार चौथी तिमाही में बिक्री में गिरावट देखी गई. मांग की भावना काफी हद तक पिछली तिमाही की तरह ही थी और तिमाही के आखिरी महीने में ही इसमें थोड़ा सुधार हुआ."
सकल मार्जिन में सुधार
यह कंपनी पैराशूट, सफोला और हेयर एंड केयर जैसे ब्रांडों के तहत उत्पाद बेचती है. इस कंपनी ने कहा कि सकल मार्जिन में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान तिमाही आधार पर सुधार होना चाहिए.
मैरिको के मुनाफे में आई गिरावट
घरेलू कंपनी मैरिको के सालाना आधार के मुनाफे में गिरावट आई है. जबकि सालाना आधार पर कंपनी की आय में बढ़ोत्तरी हुई है. वित्त वर्ष 2022 -23 की सितंबर तिमाही में Marico का मुनाफा सालाना आधार घटकर 307 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 316 करोड़ रुपये रहा था. जबकि सितंबर में कंपनी का मुनाफा 319 करोड़ रुपये रहने का अनुमान था. ये कंपनी हेल्थ, ब्यूटी एड वेलनेस में प्रोडक्ट्स और सर्विसेज उपलब्ध कराती है.
ब्रिटानिया ने क्या कहा
दूसरी तिमाही में अपना उच्चतम तिमाही राजस्व दर्ज करने वाली ब्रिटानिया ने लागत और लाभप्रदता के मोर्चे पर कहा कि आटा और दूध उत्पादों में बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण जिंसों की कीमतों में वृद्धि देखी गई है.
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