(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
F&O Classroom: आजमाने जा रहे हैं ऑप्शन ट्रेडिंग में हाथ, तो याद रखें एक्सपर्ट की ये 7 बात
Option Trading: ऑप्शन ट्रेडिंग कम समय में ज्यादा मुनाफा कराने के चलते बहुत आकर्षक है, लेकिन इसमें उसी हिसाब से बहुत जोखिम भी हैं. ये 7 बातें आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में मदद पहुंचा सकती हैं...
ऑप्शन ट्रेडिंग काफी हद तक समुद्र में गोता लगाने जैसा है. सही ट्रेनिंग और सावधानियों के बिना यह बहुत जोखिम भरा है. हालांकि अगर सही ट्रेनिंग, टूल और सावधानियों के साथ इस गहराई में गोता लगाया जाए तो एक पूरी नई दुनिया खुल जाती है. ऑप्शन विभिन्न तरीकों से स्टॉक और सूचकांकों को अधिक एक्सपोजर प्रदान कर सकता है, लेकिन गोताखोरी की तरह ही इसमें उतरने से पहले खुद को सही ज्ञान और जोखिम की परख से लैस कर लेना जरूरी है.
खुल जाएगा अच्छी कमाई का रास्ता
आज हम ऐसी सात बातों के बारे में जानेंगे, जिन्हें आपको ऑप्शन ट्रेडिंग में उतरने से पहले हर किसी को सीखना चाहिए. इन नियमों का पालन करेंगे तो निर्णय लेने की आपकी प्रक्रिया सुधर सकती है और आप जोखिम को कम करते हुए ज्यादा से ज्यादा कमाई का रास्ता खोल सकते हैं.
ऑप्शन ट्रेडिंग से पहले जानें ये बातें
उद्देश्य तय करें: किसी भी ट्रेड से पहले, अपने निवेश का स्पष्ट उद्देश्य तय करना महत्वपूर्ण है. आप उस खास ऑप्शन ट्रेडिंग से क्या हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं? क्या अंडरलाइंग एसेट के बारे में आपके तेजी या मंदी के दृष्टिकोण के आधार पर अनुमान लगाना है? या क्या आप अपने पास मौजूद स्टॉक के संभावित नकारात्मक जोखिम से बचाव (सुरक्षा) के लिए व्यापार का उपयोग कर रहे हैं? अपना उद्देश्य तय करने से आपको उचित ऑप्शन स्ट्रेटजी चुनने और अपनी ट्रेडिंग को अपने समग्र वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप रखने में मदद मिलेगी.
रिस्क-रिवार्ड पेऑफ पर विचार करें: रिस्क-रिवार्ड का निर्धारण ऑप्शन ट्रेडिंग का एक महत्वपूर्ण पहलू है. यह एक ट्रेडर के रूप में आपकी व्यक्तिगत जोखिम उठाने की क्षमता को समझने पर निर्भर करता है. अगर आप कंजर्वेटिव ट्रेडर हैं, तो नेकेड ऑप्शंस बेचने वाली रणनीतियां आपके लक्ष्यों के अनुरूप नहीं हो सकती हैं. इसके बजाय, वैसी ऑप्शन स्ट्रेटजी का पता लगाएं जो स्पष्ट, पूर्व-परिभाषित रिस्क-रिवार्ड ढांचा ऑफर करते हैं. यह जान लेना महत्वपूर्ण है कि हाई रिवार्ड के साथ आमतौर पर हाई रिस्क भी होता है. जोखिम उठाने की क्षमता और अपने निवेश के उद्देश्यों के बीच सही संतुलन ढूंढना महत्वपूर्ण है.
वोलैटिलिटी और इवेंट्स चेक करें: ऑप्शन प्राइसिंग में वोलैटिलिटी की महत्वपूर्ण भूमिका है. बाजार की मौजूदा अस्थिरता और भविष्य की किसी भी घटना या समाचार की जांच करें जिसका अंडरलाइंग एसेट पर असर पड़ सकता है. हाई वोलैटिलिटी का मतलब यह हो सकता है कि आप ऑप्शन के लिए अधिक प्रीमियम का भुगतान करेंगे, जिसका आपकी ट्रेडिंग रणनीति और संभावित रिवार्ड पर प्रभाव पड़ सकता है.
रणनीति बनाएं: विश्लेषण, जोखिम-प्रोफाइल आदि के आधार पर स्पष्ट ऑप्शंस रणनीति तैयार करें. उपलब्ध ऑप्शंस स्ट्रेटजी पर विचार करें, जैसे कॉल या पुट खरीदना और स्प्रेड लागू करना. हर स्ट्रेटजी का अपना रिस्क और रिवार्ड प्रोफाइल होता है, इसलिए वह स्ट्रेटजी चुनें, जो आपके लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता के अनुरूप हो.
बिड-आस्क स्प्रेड चेक करें: ट्रेडर्स को कोई ट्रेड करने से पहले हमेशा बिड-आस्क स्प्रेड की जांच करनी चाहिए. बिड-आस्क वह कीमत है, जो खरीदार भुगतान करने को तैयार है और आस्क वह कीमत है, जिस पर विक्रेता संपत्ति बेचने को तैयार है. बिड और आस्क कीमत के बीच का अंतर स्प्रेड है. कुछ स्ट्राइक प्राइस या इलिक्विड स्टॉक में बिड और आस्क प्राइस के बीच बड़ा अंतर होता है. कभी-कभी ट्रेडर सिर्फ ये देखते हैं कि आखिरी ट्रेडिंग वैल्यू क्या थी और बिड-आस्क स्प्रेड को नजरअंदाज कर देते हैं.
दूर के ऑप्शंस खरीदने से बचें: सस्ते में ऑप्शन खरीदने का लालच अक्सर ट्रेडर्स को ऐसी स्ट्राइक की ओर ले जाता है जो अंडरलाइंग वैल्यू की मौजूदा कीमत से बहुत दूर होती है. इस दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप संभावित नुकसान हो सकता है, क्योंकि इन ऑप्शंस के लाभदायक होने के लिए अंडरलाइंग एसेट को एक्सपायरी से पहले काफी ग्रो करना होगा.
स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड करें: एक बार जब आप अपना ट्रेड लॉक कर लेते हैं, तो अपने आप को ज्यादा नुकसान से बचाने के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर देने पर विचार करें. अगर स्टॉप-लॉस ऑर्डर एक निश्चित मूल्य स्तर तक पहुंचता है तो स्वतः आपका ऑप्शन कांट्रैक्ट फाइनल हो जाता है. अगर ट्रेडिंग आपके खिलाफ जाती है तो इससे संभावित नुकसान को सीमित करने में मदद मिलती है.
ध्यान दें, ऑप्शन काफी जटिल फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट हैं. ऑप्शन में ट्रेड करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके पास बुनियादी बातें हैं. ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता के लिए गहन योजना और व्यवस्थित दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है. इन सात प्रमुख चरणों का पालन करके, आप अपनी निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार कर सकते हैं और ट्रेड में विनर बनने की संभावना बढ़ा सकते हैं.
डिस्क्लेमर- लेखक पुनीत माहेश्वरी अपस्टॉक्स के डायरेक्टर हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.