Edible Oil: सरकार ने एडिबल ऑयल कंपनियों के साथ आज बैठक बुलाई, कम होंगी रिटेल कीमतें? जानें क्या है प्लान
Edible Oil: इस साल यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण खाद्य तेल कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया और भारत अपनी खाद्य तेल जरूरत का 60 फीसदी आयात से पूरा करता है. इसके असर से देश में खाद्य तेल जबरदस्त महंगे हुए.
Edible Oil: खाद्य मंत्रालय (फूड मिनिस्ट्री) ने आज खाद्य तेल उद्योग निकायों और विनिर्माताओं की बैठक बुलाई है. बैठक में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में आई गिरावट के अनुरूप खाने के तेल की खुदरा कीमतों में कमी लाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी. राज्यों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन के इतर खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा कि खाद्य तेल कंपनियों के साथ बैठक बुलाई गई है.
300 से 450 डॉलर प्रति टन तक घटे एडिबल ऑयल के रेट
इस बारे में संपर्क करने पर सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा कि विभिन्न प्रकार के खाद्य तेलों के दाम पिछले एक माह में 300 से 450 डॉलर प्रति टन तक घटे हैं. हालांकि, रिटेल बाजार में इसका असर दिखने में कुछ समय लगेगा.
रिटेल बाजार में भी कम हो रहे हैं रेट्स
बी वी मेहता ने कहा कि आने वाले दिनों में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतें नीचे आएंगी. सुधांशु पांडेय ने 22 जून को कहा था कि खुदरा बाजार में खाद्य तेलों के दाम नीचे आने लगे हैं. पिछले महीने कई खाद्य तेल कंपनियों ने कीमतों में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी.
भारत की खाद्य तेल जरूरत का 60 फीसदी आयात से पूरा होता है
भारत अपनी खाद्य तेल जरूरत का 60 फीसदी आयात से पूरा करता है. इस साल यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण खाद्य तेल कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया क्योंकि वैश्विक एडिबल ऑयल की जरूरतों का बड़ा हिस्सा ये देश निर्यात करते हैं. यूक्रेन से भारत भी पाम तेल जैसे प्रमुख खाद्य तेल को आयात करता है और पिछले काफी समय से इन पर निगेटिव असर देखा जा रहा है.
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