नए खुदरा महंगाई दर के बास्केट में खाद्य वस्तुओं का घट सकता है वेटेज, महंगाई दर को नीचे लाने में मिलेगी मदद
Food Inflation: महंगाई दर को बढ़ाने में हमेशा से ही खाद्य महंगाई का बड़ा योगदान रहा है. कोर इंफ्लेशन में कमी का भी इसके चलते फायदा नहीं मिल पाता है.
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Consumer Price Index: नए खुदरा महंगाई दर (New Retail Inflation Rate) के आंकड़े की गणना में खाद्य सामग्रियों के वेटेज ( Food Items Weightage) में कटौती की जा सकती है जिससे महंगाई दर में आने वाली तेजी को रोका जा सके. सांख्यिकी मंत्रालय के तहत सरकार ने पैनल बनाया है जो नए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स तैयार करने में जुटा है. मौजूदा समय में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बास्केट में 54.2 फीसदी वेटेज फूड और ब्रेवरेज कैटगरी का है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में वित्त वर्ष 2011-12 को आधार मानकर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स तैयार किया जाता है जिसे अर्थशास्त्री बेहद आउटडेटेड बताते रहे हैं और इसी के आधार पर सेंट्रल बैंक भारतीय रिजर्व बैंक अपनी पॉलिसी रेट्स को भी निर्धारित करता है. हालिया सर्वे में ये बात सामने आई है कि ज्यादातर कंज्यूमर एक दशक पहले के मुकाबले खाद्य वस्तुओं के बजट पर कम खर्च कर रहे हैं. सांख्यिकी मंत्रालय के प्रवक्ता ने ब्लूमबर्ग द्वारा इस मामले में जानकारी को लेकर भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया है.
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बास्केट यानि खुदरा महंगाई दर में खाद्य वस्तुओं का वेटेज ज्यादा होने के चलते महंगाई के ज्यादा होने में इसका बड़ा योगदान रहता है. जून महीने में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 9.36 फीसदी पर जा पहुंची है जिसके चलते खुदरा महंगाई दर 5.08 फीसदी रही थी. जबकि फूड और एनर्जी कॉस्ट को छोड़ दें खुदरा महंगाई दर 3.15 फीसदी रही थी.
मौजूदा समय में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में 299 आईटम्स है जिसमें घोड़ेगाड़ी का किराया, वीडियो कैसेट्स रिकॉर्डर, ऑडियो और वीडियो कैसेट्स का कॉस्ट भी शामिल है उसे खत्म किया जा सकता है. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स का समीक्षा कर रहा पैनल इसमें नए इंडेक्स में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स जिसमें स्मार्टफोन शामिल है उसे शामिल कर सकता है.
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के वेटेज और उसके बेस ईयर में बदलाव पर जो चर्चा की जा रही है उसे जनवरी 2026 से ही लागू किया जा सकेगा. नए कंज्यूमर स्पेंडिंग सर्वे के आधार पर सीपीआई वेटेज की समीक्षा की जा रही है. 2025 तक इसकी समीक्षा के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने पिछले महीने कहा था आरबीआई के महंगाई दर के लक्ष्य में खाद्य वस्तुएं नहीं होनी चाहिए. हालांकि कई अर्थशास्त्री खाद्य वस्तुओं को खुदरा महंगाई दर से अलग किए जाने के पक्ष में नहीं हैं.
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