Ford Layoffs 2023: लगातार बड़ी कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी की सिलसिला (Layoffs 2023) जारी है. कार बनाने वाली अमेरिका की बड़ी कंपनी फोर्ड (Ford) ने भी अब कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान कर दिया है. कंपनी ने कहा है कि बढ़ती लागत को कम करने और स्ट्रक्चर में बदलाव के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. ऐसे में अलगे तीन साल में कंपनी से जुड़े 3,800 लोगों की नौकरी खत्म (Ford Layoffs) हो जाएगी.
जानिए किन लोगों पर पड़ेगा इसका असर
गौरतलब है कि इस छंटनी का असर सबसे ज्यादा यूरोप के कर्मचारियों पर पड़ेगा. ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों में सबसे ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाला जाएगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि कंपनी अब अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicles) पर ध्यान देना चाहती है. ऐसे में कंपनी की बाकी लागत को कम करने के लिए इस बड़ी छंटनी का ऐलान किया गया है. कंपनी का कहना है कि इस दौर की छंटना में करीब 2,300, ब्रिटेन में 1,300 और बाकी यूरोप में करीब 200 लोगों की छंटनी की जाएगी.
इलेक्ट्रिक व्हीकल पर है कंपनी का फोकस
फोर्ड का कहना है कि कंपनी 2025 तक यूरोप में अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल का विस्तार करने के लिए काम कर रही है. ऐसे में इस प्लानिंग में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. इससे पहले कंपनी ने ऐलान किया था कि वह यूरोप में बनी हुई अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार का उत्पादन इस साल के अंत तक शुरू कर देगी. ऐसे में कंपनी का लक्ष्य है कि इसके इंजीनियरिंग में करीब 2,800 लोगों की छंटनी की जाएगी. वहीं बचे 1,000 लोगों की छंटनी एडमिनिस्ट्रेशन से की जानी है. कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से तीन साल में निकाला जाएगा. यूरोप में फोर्ड के जनरल मैनेजर मार्टिन सैंजडर ने इस छंटनी पर बयान देते हुए कहा कि यह फैसला कंपनी के लिए बहुत कठिन था,लेकिन दुनिया में फैली अनिश्चितता में इस फैसले को लेना जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कंपनी आने वाले वक्त में कर्मचारियों की भलाई के लिए अपना पूरा समर्थ देने की कोशिश करेगी.
कंपनी ने पहले भी की है छंटनी
फोर्ड ने इससे पहले जनवरी, 2023 में भी बड़े पैमाने पर छंटनी की थी. पूरे यूरोप में कंपनी ने करीब 3,200 कर्मचारियों को नौकरी से निकला था. इसका डेवलपमेंट के करीब 2,500 कर्मचारियों और एडमिनिस्ट्रेशन के 700 लोगों पर इस छंटनी का असर पड़ा था. वहीं पिछले साल की दूसरी तिमाही में कंपनी ने 3,000 कर्मचारियों की छंटनी भी की थी. कंपनी ने ऐलान किया था कि वह 2025 तक जर्मनी के सारलौइस प्लांट को पूरी तरह से बंद कर देगा.
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