Crypto Exchange: विदेशों से चल रहे क्रिप्टो एक्सचेंज पर बैन, वित्त मंत्रालय ने लिया सख्त एक्शन, 3000 करोड़ रुपये का हो रहा नुकसान
Cryptocurrency in India: भारत सरकार ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज के यूआरएल बैन कर दिए हैं. इन पर मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों का पालन नहीं करने का आरोप था.
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Cryptocurrency in India: अमेरिका में भले ही बिटकॉइन (Bitcoin) में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) की मंजूरी मिल गई हो. मगर, भारत सरकार का मूड बिलकुल अलग है. सरकार ने आखिरकार विदेशों से चल रहे क्रिप्टो एक्सचेंज पर सख्त एक्शन ले ही लिया. अब भारत में बायनेंस (Binance), कूकॉइन (Kucoin) और ओकेएक्स (OKX) जैसे क्रिप्टो प्लेटफॉर्म की वेबसाइट पर बैन लगा दिया गया है. सरकार का आरोप है कि ये क्रिप्टो प्लेटफॉर्म मनी लॉन्ड्रिंग के कानूनों का पालन किए बिना भारत में कामकाज कर रहे हैं. इससे भारत सरकार को लगभग 3000 करोड़ रुपये का नुकसान हर साल हो रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने गुरुवार को ही ऐसी कार्रवाई के संकेत दे दिए थे.
क्रिप्टो मेनिया को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे- शक्तिकांत दास
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि क्रिप्टो के प्रति केंद्रीय बैंक के रवैये में कोई भी बदलाव नहीं आया है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहां क्या किया जा रहा है. इससे हमें कोई मतलब नहीं है. यदि लोग क्रिप्टो के पीछे जाते हैं तो उन्हें जोखिम का सामना करना पड़ेगा. गवर्नर शक्तिकांत दास ने ट्यूलिप मेनिया का उदाहरण देते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि दुनिया और उभरते हुए बाजार क्रिप्टो मेनिया को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे. दरअसल, 17वीं शताब्दी में डच ट्यूलिप की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया था. इसे इतिहास में कीमतों के सबसे बुरे उठापटक के तौर पर याद किया जाता है. हालांकि, वह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को लेकर सकारात्मक रहे. इसी तकनीक पर क्रिप्टो करेंसी काम करती है.
दिसंबर, 2023 में वित्त मंत्रालय ने भेजे थे नोटिस
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर, 2023 में वित्त मंत्रालय की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस युनिट (FIU) ने इन प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी किया था. साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से इनके यूआरएल ब्लॉक करने को भी कहा था. वित्त मंत्रालय ने बायनेंस, कूकॉइन और ओकेएक्स के अलावा हुओबी (Huobi), कारकेन (Kraken), गेट आईओ (Gate.io), बिट्रेक्स (Bittrex), बिटस्टेंप (Bitstamp), एमईएक्ससी ग्लोबल (MEXC Global) और बिटफिनेक्स (Bitfinex) को पर भी कार्रवाई की है. इन क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स को एप्पल एप स्टोर से पहले ही हटा दिया गया था. जल्द ही इनके एंड्रॉइड वर्जन भी काम करना बंद कर देंगे.
वेबसाइट और एप ने काम करना किया बंद
बायनेंस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि हमारी वेबसाइट और एप भारत में काम नहीं कर रहे हैं. हालांकि, कंपनी ने निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि उनका पैसा सुरक्षित है. बायनेंस ने कहा है कि वे भारत के कानूनों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. साथ ही उद्योग के विकास के लिए लगातार रेगुलेटर्स के साथ संपर्क में हैं.
हर साल सरकारी खजाने को 3000 करोड़ रुपये का नुकसान
भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज मुद्रेक्स (Mudrex) के सीईओ एदुल पटेल ने बताया कि एफआईयू से नोटिस मिलने के बाद हमने निवेशकों को अपने फंड्स ट्रांसफर करने की सलाह दे दी थी. इस्या सेंटर (Esya Centre) की रिसर्च के मुताबिक, ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंज की वजह से हर साल सरकारी खजाने को लगभग 3000 करोड़ रुपये का टैक्स नुकसान होता है क्योंकि इनकी भारत में कोई रजिस्टर्ड कंपनी नहीं होती है.
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