Foreign Exchange Reserves: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investors) की बिकवाली के चलते भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी कमी आई है. 11 अक्टूबर 2024 को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 10.74 बिलियन डॉलर की कमी के साथ 700 बिलियन डॉलर के नीचे 690 बिलियन डॉलर पर घटकर आ गया है. इसके पहले हफ्ते में फॉरेक्स रिजर्व 701.176 बिलियन डॉलर रहा था. 4 अक्टूबर को फॉरेक्स रिजर्व ने 704.88 बिलियन डॉलर के ऑलटाइम हाई पर जा पहुंचा था.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 18 अक्टूबर 2024 फॉरेक्स रिजर्व का डेटा जारी किया है. इस डेटा के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार 10.74 बिलियन घटकर 690.43 अरब डॉलर पर आ गया है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में भी 10.54 बिलियन डॉलर की कमी आई है और ये घटकर 602.210 बिलियन डॉलर पर आ गया है. आरबीआई के गोल्ड रिजर्व में 98 मिलियन डॉलर की कमी के साथ घटकर 65.65 बिलियन डॉलर पर आ गया है. एसडीआर 86 मिलियन डॉलर की कमी के साथ 18.33 बिलियन डॉलर और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड में जमा रिजर्व 20 मिलियन डॉलर घटकर 4.33 बिलियन डॉलर पर आ गया है.
विदेशी मुद्रा भंडार में इस गिरावट की वजह विदेशी निवेशकों की भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में बिकवाली है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय बाजार से अपना पैसा निकालकर चीन में निवेश किया है जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार में ये सेंध लगा है. आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अक्टूबर महीने के पहले 15 दिनों में 66300 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है. विदेशी निवेशकों की इस बिकवाली के बावजूद बैंक ऑफ अमेरिका ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2026 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 746 बिलियन डॉलर हो जाएगा जिससे आरबीआई को रुपये में कमजोरी को थामने में मदद मिलेगी.
FPI के बिकवाली का ही असर है कि डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर बना हुआ और अभी भी एक डॉलर के मुकाबले रुपया 84 रुपये के लेवल के नीचे 84.07 पर ट्रेड कर रहा है.
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