भारत का रियल एस्टेट सेक्टर विदेशी निवेशकों की पसंद बनता जा रहा है. इसका पता भारतीय रियल एस्टेट में आ रहे विदेशी निवेश के आंकड़ों से चलता है. एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल के पहले 6 महीने में ही भारतीय रियल एस्टेट में विदेशी निवेश 3.5 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है.


सिंगापुर और चीन के बाद भारत


इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी कोलियर्स ने रियल एस्टेट सेक्टर में विदेशी निवेश को लेकर यह रिपोर्ट तैयार की है. उसका कहना है कि विदेशी निवेशकों के लिए लैंड व डेवलपमेंट साइट इन्वेस्टमेंट के मामले में भारत तीसरा सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन बनकर उभरा है. इस मामले में अब भारत से आगे सिर्फ चीन और सिंगापुर हैं.


कुल निवेश में विदेशी निवेशकों का हिस्सा


कोलियर्स की ग्लोबल कैपिटल फ्लो रिपोर्ट के अनुसार, साल की पहली छमाही में भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में हुए कुल निवेश में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी ही 73 फीसदी है. उनमें क्रॉस बॉर्डर इन्वेस्टमेंट 1.5 बिलियन डॉलर के पार निकल गया है. एशिया प्रशांत क्षेत्र यानी एपीएसी रीजन ने विदेशी निवेश के इस इनफ्लो में 1.2 बिलियन डॉलर का योगदान दिया है.


दूसरी तिमाही में जमकर आया निवेश


रिपोर्ट के अनुसार, इस साल की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च के दौरान भारतीय रियल एस्टेट में कुल विदेशी निवेश का आंकड़ा 1 बिलियन डॉलर से कम रहा था. उस अवधि के दौरान भारतीय रियल एस्टेट में कुल 995.1 मिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आया. वहीं दूसरी तिमाही में यानी अप्रैल से जून तक के तीन महीनों में विदेशी निवेश का आंकड़ा 2.5 बिलियन डॉलर के पार निकल गया.


आने वाले सालों में यहां बन रहे मौके


दरअसल भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में अभी जबरदस्त ग्रोथ देखी जा रही है. देश में बुनियादी संरनाओं पर तेजी से काम चल रहा है, जिसका फायदा रियल एस्टेट को हो रहा है. अभी विदेशी निवेशकों का फोकस वैसे एसेट पर है, जो तैयार हो चुके हैं. कोलियर्स का मानना है कि विदेशी निवेशकों के लिए आने वाले सालों में भारतीय रियल एस्टेट में डेवलपमेंटल एसेट में भी शानदार मौके बन रहे हैं.


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