FPI Buying: विदेशी निवेशकों का भरोसा घरेलू बाजार पर लौटा, नवंबर के पहले हफ्ते में की बंपर खरीदारी
Foreign Investor Buying: विदेशी निवेशकों की खरीदारी पिछले कुछ महीनों में लगातार घटती जा रही थी लेकिन नवंबर की शुरुआत शुभ दिख रही है. नवंबर के पहले हफ्ते में ही एफपीआई की बंपर खरीदारी सामने आई है.
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Foreign Investor Buying: दो महीनों तक भारतीय बाजारों से निकासी करने वाले विदेशी निवेशकों ने नवंबर के पहले हफ्ते में जोरदार वापसी करते हुए घरेलू इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीद की है. शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की तरफ से नीतिगत दरों में बढ़ोतरी को लेकर रुख नरम रहने की उम्मीद में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में जमकर खरीदारी की.
एक से चार नवंबर के बीच 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आया
डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने एक से चार नवंबर के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके पहले एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय बाजारों से आठ करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये मूल्य की शुद्ध निकासी की थी.
जानें सितंबर से पहले कैसा रहा था एफपीआई का रुझान
इसके पहले एफपीआई ने अगस्त में 51,200 करोड़ रुपये और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की थी. उसके पहले के नौ महीनों तक एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए थे. इस तरह इस साल अब तक एफपीआई भारतीय बाजारों से कुल 1.53 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी कर चुके हैं. फिलहाल अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के सख्त रुख में थोड़ी नरमी आने की उम्मीद में विदेशी निवेशक खरीदार बने हुए हैं. पिछले हफ्ते सेंसेक्स में 990.51 अंक यानी 1.65 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई जबकि निफ्टी 330.35 अंक यानी 1.85 फीसदी बढ़ा.
जानकारों का क्या है कहना
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का प्रवाह निकट समय में मौद्रिक सख्ती से जुड़े आघातों को देखते हुए उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता है. इसके साथ ही जियो-पॉलिटिकल स्थिति भी एक कारक बन सकती है. सैंक्टम वेल्थ के उत्पाद और समाधान सह-प्रमुख मनीष जेलोका ने कहा, 'नवंबर के पहले हफ्ते में एफपीआई की तगड़ी मौजूदगी का कारण फेडरल रिजर्व की तरफ से नरमी दिखाने की उम्मीद रहा है.'
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, 'अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर के मजबूत होने के समय में भी भारतीय बाजार में एफपीआई का खरीदारी करना एक महत्वपूर्ण पहलू है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था में एफपीआई के विश्वास को दिखाने वाला इंडीकेटर है.'
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