Foreign Portfolio Investment: शेयर मार्केट (Stock Market) में जारी बिकवाली के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने फरवरी महीने में करोड़ों की निकासी की है. फरवरी में अब तक भारतीय बाजारों से 18,856 करोड़ रुपये निकाले हैं. भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच एफपीआई की निकासी बढ़ी है.


लोन और बांड मार्केट से की निकासी
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एक से 18 फरवरी के दौरान एफपीआई ने शेयरों से 15,342 करोड़ रुपये और लोन या बांड मार्केट से 3,629 करोड़ रुपये की निकासी की है. इस दौरान उन्होंने हाइब्रिड माध्यमों में 115 करोड़ रुपये का निवेश किया है.


लगातार 5वें महीने की निकासी
इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 18,856 करोड़ रुपये रही है. यह लगातार पांचवां महीना है जबकि विदेशी कोषों ने भारतीय बाजारों से निकासी की है.


फेड रिजर्व बढ़ा सकता है ब्याज दरें
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भू-राजनीतिक तनाव और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच एफपीआई हाल के समय में भारतीय शेयरों से निकासी कर रहे हैं. अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का संकेत दिए जाने के बाद उनकी बिकवाली भी तेज हुई है.’’


जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन को लेकर तनाव बढ़ने से निवेशकों का रुख बांड और सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों की तरफ हो गया है. उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में एफपीआई ने भारतीय शेयरों से करीब आठ अरब डॉलर निकाले हैं. यह 2009 के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है.


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