FPI Buying: जून के बाद जुलाई में भी खरीदारी जारी, एफपीआई ने खरीदे इतने भारतीय शेयर
FPI Buying June 2024: एफपीआई पिछले महीने के दौरान चालू वित्त वर्ष में पहली बार लिवाली की राह पकड़े. अच्छी बात है कि जुलाई में भी उनकी खरीदारी का क्रम बना हुआ है...
चालू वित्त वर्ष में भारी बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) अब लगातार लिवाली की राह पर लौट आए हैं. जून महीने से एफपीआई के द्वारा भारतीय बाजार में शेयरों की शुरू हुई लिवाली जुलाई महीने में भी जारी है. जुलाई महीने के पहले सप्ताह में एफपीआई ने करीब 8 हजार करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की है.
पिछले तीन सप्ताह से हो रही लिवाली
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई महीने के पहले सप्ताह में एफपीआई के द्वारा इंडियन इक्विटीज की कुल खरीदारी 7,962 करोड़ रुपये की रही. उससे पहले जून महीने में एफपीआई ने 25,565 करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की खरीदारी की थी. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के रुख में बीते तीन सप्ताह से बदलाव आया है. उससे पहले जून महीने के शुरुआती दो सप्ताह के दौरान एफपीआई बिकवाल ही बने हुए थे.
वित्त वर्ष के ढाई महीने लगातार बिकवाली
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जून महीने के शुरुआती दो सप्ताह में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की थी. उससे पहले मई महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 25,586 करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की बिकवाली की थी. वहीं चालू वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल में एफपीआई 8,671 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे थे. इस तरह लगातार दो महीने बिकवाल रहने के बाद एफपीआई ने भारतीय शेयरों की खरीदारी शुरू की.
पूरे साल में 1 लाख करोड़ से पार हुआ आंकड़ा
एफपीआई ने साल के पहले महीने यानी जनवरी 2024 में 25,744 करोड़ रुपये के भारतीय शेयरों की बिकवाली की थी. हालांकि उसके बाद दो महीने वे लिवाल बने रहे थे. एफपीआई ने फरवरी 2024 में 1,539 करोड़ रुपये और मार्च में 35,098 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की थी. हालिया सप्ताहों के दौरान लिवाली से भारतीय बाजार में एफपीआई के कुल निवेश का आंकड़ा अब 1 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया है. एनएसडीएल के आंकड़ों के हिसाब से 2024 में एफपीआई का कुल निवेश अब 1,09,934 करोड़ रुपये हो चुका है.
एफपीआई की लिवाली जारी रहने की उम्मीद
शेयर बाजार बजट को लेकर उत्साह में है. बाजार को उम्मीद है कि सरकार बजट में विभिन्न सेक्टरों खासकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए बड़े ऐलान कर सकती है. विदेशी फैक्टर भी भारतीय बाजार के अनुकूल बने हुए हैं. मतलब आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में एफपीआई की लिवाली जारी रहने की उम्मीद है.
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